फसल की बर्बादी रोकने के लिए किसानों ने ड्रेन से हटाया अवरोध
कुशीनगर में किसानों की समस्या का जब समाधान नहीं हुआ तो वह खुद ही आगे बढ़ कर पहल कर दिए नाले में उतर कर किसानों ने स्वयं की उन अवरोधों को हटा दिया जिन्हें लगाकर वह मछली पकड़ते थे किसानों ने दिनभर जिले के बकिया नाला में अभियान चलाया।
कुशीनगर : बकिया नाला में मछली पकड़ने के लिए कई जगह लगाए गए चिलवन से समस्या खड़ी हो गई है। पानी का प्रवाह रुकने से जलभराव की समस्या खड़ी हो गई है। बड़े पैमाने पर गन्ना व धान की फसल बर्बाद हो गई है। प्रभावित किसानों ने गुरुवार को भैंसाडाबर, महुंई खुर्द व बकनहां गांव में लगे चिलवन को तोड़कर हटा दिया।
जिपंस प्रदीप सिंह सैंथवार, महंथ, सीताराम, रामजी, प्रभु, शिब्बन, रमायन सिंह, लालबचन, सोनू आदि किसानों का कहना है कि ड्रेन में अवरोध खड़ा हो जाने के कारण पानी खेतों में चढ़ गया है। बहाव रुकने से वह निकल नहीं रहा है। गन्ने की फसल सूख गई है तो पक कर तैयार धान की सैकड़ों एकड़ फसल भी बर्बाद हो गई। शेष फसल को बचाया जा सके इसको लेकर हम खुद उतरे हैं। विभाग और प्रशासन का इससे कोई सरोकार नहीं है।
ड्रेन सफाई के लिए 326 लाख बजट
बकिया नाला की लंबाई 46 किमी. है। यह कप्तानगंज रेलवे लाइन से प्रारंभ होकर देवरिया जिले के गांव नरायनपुर के समीप त्रिमुहानी घाट पर समाप्त होता है। इसकी सफाई के लिए सरकार ने 326 लाख रुपये का बजट जारी किया है। बरसात से पूर्व बाढ़ खंड विभाग ने सफाई का कार्य शुरू किया था। लगभग 35 किमी. सफाई होने के बाद बारिश की वजह से जलभराव हो जाने के कारण कार्य रुक गया है।
प्रशासन की नहीं मिलती मदद
बाढ़ खंड के सहायक अभियंता आमोद सिंह का कहना है कि विभाग ड्रेन की सफाई और इसकी सुरक्षा को लेकर सतर्क है। बीते दिनों ड्रेन में बांध लगाने की सूचना मिलने पर रामकोला थाने में मछली मारने वाले चार लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। प्रशासन का सहयोग नहीं मिल रहा है। हमारे कर्मचारी बांध हटाने जाते हैं तो वहां मारपीट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। एसडीएम प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि आरोप निराधार है। विभाग यदि हम से सहयोग मांगता है तो उसे तत्काल उपलब्ध कराया जाएगा। ड्रेन में बांध बनाने वालों के विरुद्ध प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा।