बच्चों की योग्यता के आकलन के लिए परीक्षा के दिन ही परिणाम, आज होगी सरल एप की लांचिंग
परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों की योग्यता के आकलन के लिए जिस दिन परीक्षा होगी उसी दिन शाम तक रिजल्ट भी आ जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 27 दिसंबर को जिले में कक्षा एक से तीन तक के बच्चों का प्राथमिक स्तर पर मूल्यांकन किया जाएगा।
गोरखपुर, प्रभात कुमार पाठक। परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों की योग्यता के आकलन के लिए जिस दिन परीक्षा होगी, उसी दिन शाम तक रिजल्ट भी आ जाएगा। यह संभव होगा सरल एप के जरिए। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 27 दिसंबर को जिले में कक्षा एक से तीन तक के बच्चों का प्राथमिक स्तर पर मूल्यांकन कर उनकी योग्यता आकलन किया जाएगा। इसी के साथ एप की लांचिंग हो जाएगी। गोरखपुर में सफलतापूर्वक प्रयोग के बाद बेसिक शिक्षा विभाग अब इसे प्रदेश के अन्य जनपदों में भी लागू करेगा।
भाषा और गणित की योग्यता का किया जाएगा आंकलन
इस एप का इसका इस्तेमाल शैक्षिक मूल्यांकन परीक्षा यानी सैट (स्टूडेंट असेसमेंट टेस्ट) में किया जाएगा। सैट में लर्निंग आउटकम के लिए विद्यार्थियों से निर्धारित प्रेरणा सूची पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षा के जरिए प्रेरणा लक्ष्य के आधार पर बच्चों की भाषा तथा गणित विषय को लेकर उनका आकलन किया जाएगा। इसी आधार पर जिले के हर बच्चे का परिणाम आ जाएगा। मूल्यांकन के जरिए यह जानकारी हो सकेगी की किस कक्षा के किस विषय में बच्चे का कौन सा पक्ष कमजोर है यानी वह बोलने, लिखने या समझने में कमजोर है। इसकी जानकारी हो जाएगी। इसके आधार पर उसके कमजोर पक्ष के को दूर करने के लिए अतिरिक्त शिक्षक व शिक्षण सामग्री की व्यवस्था की जाएगी। अगले माह से यह प्रक्रिया नियमित अपनाई जाएगी।
ऐसे काम करेगा सरल एप
सरल ऐप एक एंड्रायड आधारित एप है, जिसके माध्यम से शिक्षक आसानी से ओएमआर शीट को स्कैन कर पाएंगे। विद्यार्थियों के अधिगम स्तर को जानने के लिए कक्षा एक से तीन के बच्चों का आकलन लिया जाएगा। जिसके परिणाम शिक्षक ओएमआर शीट में भरेंगे। स्कैन करने के बाद पूरा ब्योरा तत्काल जनपद मुख्यालय पर दिखने लगेगा और परिणाम घोषित हो जाएगा। आने वाले समय में यह एप प्रति माह बच्चों मूल्यांकन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
स्कूलों को उपलब्ध कराई गई ओमआर शीट
जिला समन्वयक प्रशिक्षण विवेक जायसवाल ने बताया कि बच्चों की योग्यता के आकलन के लिए प्रत्येक बच्चे के हिसाब से स्कूलों को ओमआर शीट उपलब्ध करा दिया गया है। आकलन के दौरान बच्चों से प्रश्न का उत्तर पूछकर शिक्षक उसमें भरेंगे और उसी के अनुसार उनका आकलन कर परिणाम घोषित किया जाएगा। कोरोनाकाल के दौरान बच्चे दो वर्षों से विद्यालय से दूर रहे हैं। जिसके कारण उनकी पढ़ाई का नुकसान हुआ है। यह नुकसान किन-किन विषयों में हुआ है यही पता लगाने के लिए यह मूल्यांकन किया जा रहा है। ताकि बच्चों की इसी रिपोर्ट के आधार पर हम अपनी कार्य योजना का निर्माण कर सकें।