समय से पहुचें ट्रेनें, पूर्वोत्तर रेलवे कर रहा है यह व्यवस्था
ट्रेनों के समय से पहुंचने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर में कुछ ट्रेनों का प्लेटफार्म बदलने जा रहा है। इसकी योजना तैयार कर ली गई है।
गोरखपुर, (जेएनएन)। गोरखधाम एक्सप्रेस अब प्लेटफार्म नंबर 2 की जगह 9 से रवाना होगी। आम यात्रियों को अतिरिक्त सहूलियत प्रदान करने के उद्देश्य से स्टेशन प्रबंधन गोरखपुर से चलने वाली पूर्वोत्तर रेलवे की ट्रेनों के प्लेटफार्म का नया शिड्यूल तैयार कर रहा है। जिसमें गोरखधाम के अलावा अन्य प्रमुख ट्रेनें भी शामिल होंगी। नए शिड्यूल में यात्री सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जाएगा। जल्द ही नया शिड्यूल जारी कर दिया जाएगा।
नए शिड्यूल के लिए स्टेशन प्रबंधन लगातार मंथन कर रहा है। विभागीय जानकारों का कहना है कि रेलवे स्टेशन के प्रमुख गेटों से यात्रियों की भीड़ को कम करने के लिए गोरखधाम एक्सप्रेस को प्लेटफार्म नंबर 9 से चलाने की तैयारी हो रही रही।
दरअसल, प्लेटफार्म नंबर 9 पर पहुंचने के लिए रास्ता भी खुल गया है। सड़कें चौड़ी हो गई हैं। बिजली की व्यवस्था हो गई है। सुरक्षा के लिए नया आरपीएफ पोस्ट भी स्थापित हो गया है। पर्याप्त जगह होने के साथ बेहतर यात्री सुविधाएं भी हैं। कैबवे होने के चलते यात्री अपने वाहन से सीधे निर्धारित बोगियों तक पहुंच जाएंगे। यात्रियों के लिए अति आधुनिक प्रसाधन केंद्र भी स्थापित कर दिया गया है। हैंगिंग वेटिंग हाल और रेस्टरूम भी तैयार हो रहा है। ऐसे में यात्रियों को सहूलियतें मिलेगी। फिलहाल 9 नंबर से दादर, कोचीन, अवध और गोरखपुर-एलटीटी प्रमुख ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
कैंट में नहीं खड़ी होंगी प्रमुख ट्रेनें
नए शिड्यूल में प्लेटफार्म के अलावा ट्रेनों के ठहराव का भी ध्यान रखा जाएगा। ताकि प्रमुख ट्रेनें अनावश्यक रूप से कैंट स्टेशन पर खड़ी न हो। अक्सर, वैशाली और बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस एक साथ कैंट तक पहुंचती हैं। एक ही प्लेटफार्म निर्धारित होने से वैशाली या बिहार संपर्क क्रांति में से किसी एक को कैंट में ही रुकना पड़ जाता है। नए शिड्यूल में प्लेटफार्म नंबर दो खाली होने से एक ट्रेन उसी पर आ जाएगी। यही नहीं ओरिजनेटिंग होने के चलते चौरीचौरा एक्सप्रेस को भी प्लेटफार्म नंबर दो से चलाने की योजना बन रही है।
नवंबर में शुरू हो जाएगा नंदानगर अंडरपास
गोरखपुर : प्रदेश सरकार और पूर्वोत्तर रेलवे की पहल पर नंदानगर क्रासिंग पर अंडरपास का निर्माण कार्य फिर से युद्धस्तर पर शुरू हो गया है। अक्टूबर में अंडरपास के बाक्स सेट कर दिए जाएंगे। नवंबर में इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। क्रासिंग के नीचे अंडरपास में कुल 56 बाक्स लगने हैं, जिसमें 26 बन गए हैं। शेष 26 दिन में बनकर तैयार हो जाएंगे। इसके बाद बाक्स को सेट करने की प्रक्रिया शुरू होगी। रेलवे के इंजीनियर्स की देखरेख में रोजाना एक बाक्स तैयार हो रहा है। बाक्स क्रासिंग के दोनों तरफ रेल लाइन के नीचे अति आधुनिक मशीनों से सेट किए जाएंगे। अक्टूबर में बाक्स लगाने के लिए दो रविवार को छह-छह घंटे के मेगा ब्लाक लिए जाएंगे। इस दौरान कुछ ट्रेनों का संचलन भी प्रभावित हो सकता है। निर्धारित समय सीमा तक अंडरपास का कार्य पूरा करने के लिए रेलवे के अलावा पीडब्लूडी, जीडीए और विद्युत विभाग के इंजीनियर्स लगातार संयुक्त बैठकें कर रहे हैं।
अंडरपास के बाद भी बंद नहीं होगी क्रासिंग
अंडरपास बनने के बाद भी नंदानगर क्रासिंग बंद नहीं होगी। मुख्य मार्ग से होकर बड़े वाहन (बस और ट्रक आदि) गुजरेंगे, जबकि अंडरपास से हल्के वाहनों का आवागमन होगा। अंडरपास की ऊंचाई लगभग ढाई मीटर और चौड़ाई साढे तीन मीटर होगी। जिससे मोटरसाइकिल, रिक्शा, आटो, टेंपो, कार, लग्जरी गाडिय़ां, वैन, पिकप, जीप, मिनी बसें आदि हल्के वाहन पास होंगे। जल जमाव को रोकने के लिए अंडरपास पर छज्जा लगेगा। पास ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग भी तैयार होगा।