ठगों ने ऑनलाइन फ्राड का ट्रेंड बदला, अब इस तरह से कर रहे ठगी Gorakhpur News
आबू धाबी के हास्पिटल में नौकरी दिलाने का झांसा देकर जालसाजों ने चेन्नई के डाक्टर से 1.20 लाख की ठगी कर ली। जालसाज ने रुपये गोरखपुर के एक खाते में ट्रांसफर कराए हैं। ठगी की जानकारी होने पर डाक्टर ने ईमेल से पुलिस अधिकारियों को मामले की जानकारी दी।
गोरखपुर, जेेेेेएनएन। ठगों ने ऑनलाइन ठगी के नए तरीके का इजाद किया है। आबू धाबी के हास्पिटल में नौकरी दिलाने का झांसा देकर जालसाज ने चेन्नई के डाक्टर से 1.20 लाख की ठगी कर ली। जालसाज ने रुपये गोरखपुर के एक खाते में ट्रांसफर कराए हैं। ठगी की जानकारी होने पर डाक्टर ने ईमेल से पुलिस अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। अज्ञात के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज कर कैंट पुलिस छानबीन कर रही है।
ईमेल पर भेजा आबू धाबी के अल-खालिद हास्पिटल में नौकरी करने का ऑफर लेटर
चेन्नई के रहने वाले डाक्टर मोहम्मद सफी के ईमेल पर आबू धाबी के अल-खालिद हास्पिटल में नौकरी करने का ऑफर लेटर आया। अच्छा पैकेज मिलने पर उन्होंने नौकरी करने के लिए हामी भर दी। जिसके बाद उनसे विदेशी कर्मचारी पंजीयन प्रमाण पत्र और प्रवासन प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर रुपये मांगे गए। झांसे में आकर डाक्टर ने जालसाज के बताए गए खाते में 1.20 लाख रुपये भेज दिए। दोबारा रुपये की मांग करने पर डाक्टर को संदेह हुआ तो इसकी सूचना चेन्नई पुलिस को दी। छानबीन में पता चला कि जालसाज ने रुपये गोरखपुर के रहने वाले सूरज चौधरी के खाते में मंगाया है। इसकी सूचना उन्होंने ईमेल से गोरखपुर पुलिस को दी। तहरीर के आधार पर अज्ञात के खिलाफ जालसाजी कर रुपये हड़पने का केस दर्ज कर पुलिस जांच कर रही है।
अब पुलिस के नोडल अफसर भी कसेंगे फर्जी शिक्षकों पर शिकंजा
परिषद विद्यालयों में तैनात रहे फर्जी शिक्षकों पर शिकंजा कसने के लिए जल्द ही एक पुलिस अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। पुलिस विभाग के यह नोडल अधिकारी इस पर ध्यान देंगे कि अब तक कितने फर्जी शिक्षकों पर मुकदमा पंजीकृत हो चुका है। उसके बाद की क्या प्रगति है। बता दें कि जिले में अभी तक 71 फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। कई की अभी जांच चल भी रही है। इसमें से 50 पर जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में जालसाजी के मुकदमे भी दर्ज हो चुके हैं। रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक राजेश मोदक ने बताया कि जल्द की एक नोडल अधिकारी को जिम्मेदारी दी जाएगी, जो फर्जी शिक्षकों से संबंधित मामलों की निगरानी कर सके।