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दो वर्ष में तीन सर्वे, फिर भी नहीं चली परिवहन निगम की बस

एक दशक पूर्व तक इस मार्ग पर प्राइवेट बसों का संचालन होता था। लेकिन परमिट आदि की समस्याओं के चलते बंद हो गया। अब इस सड़क पर यातायात के साधनों का अभाव है। लोग निजी या डग्गामार वाहनों के सहारे यात्रा करते हैं।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 09:15 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 09:15 AM (IST)
दो वर्ष में तीन सर्वे, फिर भी नहीं चली परिवहन निगम की बस
दो वर्ष में तीन सर्वे, फिर भी नहीं चली परिवहन निगम की बस। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कसया से तुर्कपट्टी होकर तमकुहीरोड जाने वाली 32 किमी लंबी सड़क एमडीआर अर्थात मुख्य जिला सड़क है। वर्ष 2018 में यह सड़क सात मीटर चौड़ी टू लेन में परिवर्तित हो चुकी है। इस सड़क के किनारे स्थित सपहा, खरदरपुल, रुदवलिया, बसडीला पांडेय, सूर्यमंदिर के लिए प्रसिद्ध तुर्कपट्टी, गुरवलिया, आधे जनपद को विद्युत आपूर्ति देने वाला 132/33 केवीए विद्युत उपकेंद्र राजापाकड़, कृषि विज्ञान केंद्र, सब्जी अनुसंधान केंद्र व गन्ना शोध संस्थान बभनौली आदि जनपद के महत्वपूर्ण स्थान हैं। मार्ग के किनारे कई दर्जन इंटर कालेज व महाविद्यालय स्थित हैं।

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पहले निजी बसों का होता था संचालान

एक दशक पूर्व तक इस मार्ग पर प्राइवेट बसों का संचालन होता था। लेकिन परमिट आदि की समस्याओं के चलते बंद हो गया। अब इस सड़क पर यातायात के साधनों का अभाव है। लोग निजी या डग्गामार वाहनों के सहारे यात्रा करते हैं। बनरहा मोड़ से चलने वाले टैंपो बरवा राजापाकड़ तक आते हैं, यहां से तुर्कपट्टी व फिर तुर्कपट्टी से कसया के लिए साधन मिलते हैं जिसमें अनावश्यक समय तो खर्च होता ही है धन भी जाया होता है।

लंबे समय से सरकारी बस की मांग कर रहे क्षेत्रीय लोग

क्षेत्रीय लोग लंबे समय से इस मार्ग पर सरकारी बस चलवाने की मांग कर रहे हैं। लोगों के द्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाया गया तो 20 जनवरी 2020 को यातायात निरीक्षक के नेतृत्व में मार्ग का सर्वे किया गया। सर्वेकर्ताओं ने सकारात्मक रिपोर्ट भेजी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने ग्रामीणों का ज्ञापन प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया को सौंप बस चलवाने की मांग की थी।

2021 में दो बार हो चुका है सर्वे

परिवहन मंत्री के निर्देश पर तीन नवंबर 2021 को सर्वे हुआ लेकिन इसमें सड़क का महज सात किमी हिस्सा ही रुटचार्ट में होने के कारण क्षेत्रीय जनता ने आपत्ति जताई तो पुनः 8 नवंबर 2021 को परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों ने बस संचालन के लिए सर्वे किया। सर्वे के ढाई माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अब तक इस मार्ग पर सरकारी बस चलाने के संबंध में कोई सकारात्मक पहल नहीं हो सकी है। इस संबंध में परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके तिवारी ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट प्राप्त हुई है, अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।


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