गोरखपुर के आश्रय स्थल में तीन और गोवंशीय पशुओं की मौत
बांसगांव के वार्ड संख्या दो स्थित गोवंश आश्रय स्थल में पशुओं की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा। शनिवार को दो बछड़ों के मरने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि तीन और पशुओं की मौत हो गई।
गोरखपुर, जेएनएन। बांसगांव के वार्ड संख्या दो स्थित गोवंश आश्रय स्थल में पशुओं की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा। शनिवार को दो बछड़ों के मरने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि रविवार और सोमवार को अन्य बछड़ों की मौत हो गई। इस आश्रय स्थल में अब तक पांच बछड़ों की मौत हो चुकी है। मृत बछड़ों का चिकित्सकों की टीम ने पोस्टमार्टम किया, जिसकी रिपोर्ट मंगलवार को आएगी।
सूबे की सरकार द्वारा गोवंश आश्रय स्थल बनाये जाने के आदेश के बाद जिला पंचायत ने पुराने कांजी हाउस को गोवंश आश्रय स्थल के रूप में बदल दिया। साथ ही पशुओं की देखरेख के लिए एक कर्मचारी नियुक्त कर दिया। विभिन्न स्थानों से 66 पशु आश्रय स्थल में आ गए। उपजिलाधिकारी, बांसगांव अरुण कुमार मिश्र ने कहा कि व्यवस्था सुधारने के लिए एक अन्य कर्मचारी की नियुक्ति कर दी गई है। चारे आदि की व्यवस्था की जा रही है। जल्द ही स्थिति सुधर जाएगी।
कर समाहर्ता अधिकारी पर दर्ज हो चुका है मुकदमा
इसके पूर्व बांसगांव उपनगर में गोवंश आश्रय स्थल में दो गायों की मौत के बाद कर समाहर्ता अधिकारी संतोष कुमार सिंह के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। कर समाहर्ता अधिकारी पर उप नगर के वार्ड संख्या दो स्थित गोवंश आश्रय स्थल में पशुओं की ठीक से देखभाल नहीं करने का आरोप है। बांसगांव संवाददाता के अनुसार नगर पंचायत की तरफ से वार्ड संख्या में दो में गोवंश आश्रय स्थल बनवाया गया है। इसमें रखे जाने वाले मवेशियों की देखरेख की जिम्मेदारी कर समाहर्ता अधिकारी की है। गायों की मौत होने के बाद वहां से उठने वाली दरुगध से लोगों को जानकारी हुई। वार्ड संख्या नौ निवासी अग्निवेश सिंह कई अन्य लोगों ने तहरीर देकर कर समाहर्ता अधिकारी पर मवेशियों के लिए चारा व पानी की व्यवस्था न करने का आरोप लगाया था। तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।