43 लाख गबन का पता करने के लिए तीन लाख रसीदों की करनी होगी जांच Gorakhpur News
बिजली विभाग में 43 लाख रुपये का गबन हुआ हैैै। जांच टीम को अनियमितता खोजने के लिए तीन लाख रसीदों की जांच करनी पड़ेगी। इसके लिए तैयारी हो चुकी है।
गोरखपुर, जेएनएन। नगरीय विद्युत वितरण खंड तृतीय मोहद्दीपुर के कार्यालय में करीब 43 लाख रुपये से अधिक के गबन का मामला प्रकाश में आने के बाद चारो वितरण खंडों में जांच शुरू हो गई है। जांच टीम ने प्राथमिक स्तर पर प्रपत्रों की पड़ताल की है। अब पिछले तीन साल की रसीदों की जांच होगी। एक वितरण खंड में करीब 1500 रसीद बुक है और हर रसीद बुक में 50 रसीदें कटी हैं। ऐसे में जांच टीम अनियमितता खोजने के लिए सभी तीन लाख रसीदों को पलटने की तैयारी में है।
निलंबित हो चुका है कर्मचारी, दर्ज है एफआइआर
अधिशासी अभियंता मोहद्दीपुर के कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी इफ्तेखार पर गबन का मामला साबित होने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया। विभाग की ओर से उसपर कैंट थाने में मुकद्मा भी दर्ज कराया गया है। अधिशासी अभियंता द्वितीय वाइएन राम को इस मामले की जांच सौंपी गई है। करीब एक महीना बीत जाने के बाद भी जांच जारी है। जांच अधिकारी की मानें तो प्रपत्रों की संख्या अधिक होने के कारण समय लग रहा है।
मुख्य अभियंता ने सभी खंडों की शुरू करा दी जांच
एक खंड में गबन का मामला प्रकाश में आने के कुछ दिन बाद ही मुख्य अभियंता ई. देवेंद्र सिंह ने सभी खंडों में जांच शुरू करा दी। जोन स्तर पर एक कमेटी का गठन कर उन्होंने सभी कैशियर एवं उनके सहायक की जांच करने को कहा था। एक सप्ताह में रिपोर्ट तलब थी लेकिन जांच का दायरा बढऩे के साथ समय भी बढ़ा दिया गया है।
एमडी ने हर जिले में दिया जांच का आदेश
गोरखपुर के साथ ही दो और जिलों में भी इस तरह के मामले सामने आए थे। जिसके बाद पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी के. बालाजी ने सभी जिलों में कैशियर, सहायक की आइडी से तीन साल में किए गए कार्यों की जांच कराने का आदेश दिया है। गड़बड़ी मिली तो पर्यवेक्षकों के भूमिका भी जांच होगी। मुख्य अभियंतां देवेन्द्र सिंह का कहना है कि गोरखपुर में जांच कराई जा रही है। सभी खंडों में करीब तीन लाख रसीद देखनी है, इसलिए समय लग रहा है। गड़बड़ी मिलती है तो संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।