Move to Jagran APP

तीन बंदी रक्षक हुए निलंबित, अब अधिकारियों पर लटकी कार्रवाई की तलवार

देवरिया जिला कारागार एक बार फिर चर्चा में आ गया है। जिला कारागार से बंदियों के बातचीत होने व वीडियो वायरल होने के मामले में डीआइजी ने तीन बंदी रक्षकों को निलंबित कर दिया है। साथ ही अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए शासन में रिपोर्ट भेजी है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 12:10 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 12:10 PM (IST)
तीन बंदी रक्षक हुए निलंबित, अब अधिकारियों पर लटकी कार्रवाई की तलवार
देवरिया जेल में वायरल वीडियो के मामले में अधिकारियों पर कार्रवाई की लटकी तलवार। फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन : देवरिया जिला कारागार एक बार फिर चर्चा में आ गया है। जिला कारागार से बंदियों के बातचीत होने व वीडियो वायरल होने के मामले में डीआइजी ने तीन बंदी रक्षकों को निलंबित कर दिया है। साथ ही अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए शासन में रिपोर्ट भेजी है। माना जा रहा है कि कुछ और बंदी रक्षकों के साथ ही डिप्टी जेलर व अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है।

prime article banner

चार बंदियों की बातचीत का वायरल हुआ था वीडियो

शुक्रवार को जेल की एक बैरक के चार बंदियों की बातचीत का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर 31 सेकेंड का वायरल हो गया। वीडियो में एक बंदी मोबाइल पर बात करते हुए नजर आ रहा है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद जेल प्रशासन ने बैरक संख्या 17 की तलाशी ली और मोबाइल पर बात करने वाले बंदी रतन यादव व वीडियो वायरल करने वाले गैंगस्टर शिट्टू के पास से एक-एक मोबाइल बरामद किया गया। इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच चल रही है। उधर जेल अधीक्षक की रिपोर्ट पर डीआइजी जेल डा. रामधनी ने मुख्य बंदी रक्षक रामवृक्ष, दिनेश कुमार वर्मा व राणा प्रताप यादव को निलंबित कर दिया है। जेल अधीक्षक केपी त्रिपाठी ने कहा कि तीन बंदी रक्षकों को निलंबित किया गया है। दो के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है। डीआइजी ने अन्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी है।

2017 से ही बदनाम चल रहा है देवरिया जिला कारागार

देवरिया जिला कारागार की 2017 से पहले गिनती शांतिपूर्ण जेल के रुप में होती रही है। बाहुबली अतीक अहमद के जिला कारागार में शिफ्ट होने के बाद इस जेल की गिनती बदनाम जेल के रुप में होती रही। 2017 से 2018 के बीच 48 मोबाइलें बरामद की गई थी। इसमें से कुछ मामलों में मुकदमा दर्ज है। बीच में कुछ स्थिति ठीक रही, लेकिन इन दिनों यह जेल एक बार फिर सबसे बदनाम जेल में शामिल हो गई है। तीन माह में कारागार से तीन मोबाइल मिले हैं।

अधिकारियों की नाक की नीचे होता है यह खेल

चहारदीवारी के बीच एक महिला समेत कुल 18 बैरकें हैं, जिसमें 1500 लगभग बंदी है। बंदियों की सुरक्षा के लिए 48 बंदी रक्षक, छह पीएसी जवान, तीन डिप्टी जेलर, एक जेलर व एक अधीक्षक की तैनाती है। इन अधिकारियों के नाक के नीचे ही यह पूरा खेल होता है। जब भी जेल कारागार से बंदियों ने लोगों को फोन कर धमकी दी और रंगदारी मांगी, हर बार जेल प्रशासन आरोप को झुठला देता और अपना पल्ला झाड़ देता। पहली बार कारागार प्रशासन इस पर जवाब देने से कतरा रहा है, क्योंकि इस बार जेल की बैरक में हो रहे सच से जुड़ा वीडियो वायरल हो गया है। आखिर अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज क्यों नहीं गिरती? यह एक बड़ा सवाल है। छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई कर जेल प्रशासन अपना पीठ थपथपाकर मामले को शांत कराकर टोकरी में फेंक देता है। हालांकि डीआइजी जेल का कहना है कि जांच पूरी होगी। इसमें अधिकारियों के भी नाम सामने आएंगे और उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

पुलिस करेगी मामले का पर्दाफाश

बदमाशों को गिरफ्तार कर पुलिस जेल के चहारदीवारी के अंदर भेज रही है और जेल प्रशासन की मिलीभगत से बंदी जेल के अंदर से ही अपना पूरा रैकेट संचालित कर रहे हैं। यह बड़ा मामला सामने आया है। तीन माह में बरामद किए गए तीन मोबाइलों के मामले की जांच अब पुलिस ने तेज कर दी है। तीनों मोबाइल के काल डिटेल व मोबाइल सिम कार्ड किसके नाम से है। इसकी जानकारी पुलिस कर रही है। इसके जरिये पुलिस मोबाइल सिम कार्ड देने वाले तक पहुंचेगी और जेल के अंदर कैसे मोबाइल पहुंचा, इसका पर्दाफाश करेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.