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विवाह के लिए करना होगा इंतजार, इस वर्ष केवल दो दिन है शुभ मुहुर्त

इस वर्ष केवल दो ही लगन रात में 15 दिसंबर को मिल रही है। 16 दिसंबर को दिवा लगन है और इसी दिन शाम को खरमास लग रहा है जो 15 जनवरी मकर संक्रांति को खत्म होगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 11:26 AM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 09:45 AM (IST)
विवाह के लिए करना होगा इंतजार, इस वर्ष केवल दो दिन है शुभ मुहुर्त
विवाह के लिए करना होगा इंतजार, इस वर्ष केवल दो दिन है शुभ मुहुर्त

गोरखपुर, जेएनएन। कार्तिक शुक्ल एकादशी (हरि प्रबोधनी) सोमवार को परंपरागत रूप से आस्था व श्रद्धा के साथ मनाई जा रही है। इसे देवोत्थान या देवउठनी एकादशी भी कहते हैं। इस दिन सूर्योदय 6:38 बजे और एकादशी तिथि दिन में 11:54 बजे तक है। श्रद्धालु इस दिन व्रत रहेंगे और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करेंगे। हरि प्रबोधनी एकादशी के बाद से ही समस्त मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस वर्ष केवल दो ही लगन रात में 15 दिसंबर को मिल रही है। 16 दिसंबर को दिवा लगन है और इसी दिन शाम को खरमास लग रहा है जो 15 जनवरी मकर संक्रांति को खत्म होगा।

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ज्योतिषाचार्य पं. नरेंद्र उपाध्याय व डॉ. जोखन पांडेय शास्त्री के अनुसार अषाढ़ शुक्ल (हरिशयनी) एकादशी को भगवान क्षीर सागर में शयन करने के लिए चले जाते हैं और चार माह बाद हरि प्रबोधनी एकादशी के दिन जागते हैं। इन चार महीनों में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होते। देवोत्थान एकादशी केबाद विवाहादि मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है। इस दिन निर्जल व्रत रह भगवान विष्णु की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है और आंगन में रंगोली बनाकर उनके आगमन की प्रतीक्षा की जाती है। इस दिन से गन्ने व नए गुण का सेवन शुरू हो जाता है। दिन में 11.55 बजे तक भद्रा है, इसलिए गन्ने का रसपान इसके बाद किया जाएगा।

2014 में थी यह स्थिति

वर्ष 2014 में भी लगन की यही स्थिति थी। नवंबर-दिसंबर में लगन नाम मात्र की थी। उस समय कुल मिलाकर लगभग तीन-चार लगन ही मिली थी। इस बार विवाह के लिए सिर्फ दो ही लगन मिल रही है।

गंजी, सुथनी, सिंघाड़ा व गन्ने के बाजार सजे

हरि प्रबोधनी एकादशी के मद्देनजर इस पर्व में उपयोग किए जाने वाले सामान, गंजी, सुथनी, सिंघाड़ा व गन्ने के बाजार सज गए हैं। जगह-जगह चौराहों पर सड़क की पटरियों की इनकी दुकानें लगाई हैं। देर शाम तक खरीदारी होती रही। गन्ना 20 रुपये जोड़ा, गंजी व सिंघाड़ा 40 रुपये किलो व सुथनी 80 रुपये किलो बिक रही है। गोरखनाथ, मोहद्दीपुर, अलीनगर, घंटाघर, कूड़ाघाट, रुस्तमपुर आदि क्षेत्रों में देर रात तक दुकानें सजी रहीं।

इस वर्ष नहीं के बराबर है लगन

ज्योतिषाचार्य डॉ. जोखन पांडेय शास्त्री के अनुसार इस वर्ष लगन नहीं के बराबर है। 13 नवंबर से ही गुरु अस्त चल रहे हैं। आठ दिसंबर को उदय होंगे। 12 दिसंबर को सुबह 5:08 बजे तक बालत्व दोष है। इस दिन श्रवण व धनिष्ठा नक्षत्र है, इन दोनों नक्षत्रों में विवाह नहीं होता। धनिष्ठा नक्षत्र 13 को सायं 5:23 बजे तक है। इसमें तिलक, गोद भराई आदि हो सकती है। 14 दिसंबर को रात 7:49 बजे तक शतमिष नक्षत्र है, इसमें भी विवाह नहीं होता है। इसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र है, वह भी विवाह का नक्षत्र नहीं है। इसी दिन रात में 12:26 बजे भद्रा शुरू होकर 15 दिसंबर को दिन में 1:15 बजे तक है। इस दिन रात में 9:58 के बाद विवाह का मुहूर्त मिल रहा है लेकिन वह भी बहुत उत्तम नहीं है। 16 दिसंबर को दिन में (दिवा) लगन है। इसी दिन शाम 6:25 बजे खरमास लग जाएगा। खरमास में भी विवाह नहीं होते।

मोक्ष के लिए करें बेल पत्रों से पूजन

ज्योतिषाचार्य पं. नरेंद्र उपाध्याय हरि प्रबोधनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का विधि-विधान से व्रत रहकर पूजन-अर्चन करने के साथ अघ्र्य देकर मंगल कामना करनी चाहिए। समस्त तीर्थों के सेवन से जो पुण्य मिलता है, उससे कोटि गुना फल इस एकादशी के दिन अघ्र्य दान से प्राप्त होता है। जो इस दिन अगस्त्य के पुष्प से हरि का पूजन करता है उसे देव गण नमन करते हैं। जो बेल पत्रों से श्रीकृष्ण का पूजन करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। तुलसी दलों व मंजरियों से विष्णु का पूजन करने पर करोड़ जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। जो कदंब के फूलों से जनार्दन का पूजन करते हैं उन्हें नरक की यातना से मुक्ति मिलती है। चूंकि भगवान चार माह तक योग निद्रा में होते हैं, इसलिए इस दौरान समस्त मांगलिक कार्य बंद होते हैं। हरि प्रबोधनी एकादशी को जब वह जग जाते हैं तो पुन: शुभ व मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है।

कैटरर्स, शामियाना मालिक भी परेशान

कैटरर्स जेके श्रीवास्तव के अनुसार नवंबर-दिसंबर में नाममात्र की लगन है। खासकर 15 दिसंबर को थोड़ी तेज लगन है, उस दिन की बुकिंग चार माह पहले ही हो गई है। इसके अलावा जनवरी-फरवरी के लिए बुकिंग चल रही है। शामियाना मालिक अमित चौरसिया के अनुसार टेंट हाउस में अब टेंट की बुकिंग नाम मात्र की होती है। लोग टेंट लगाने से अच्छा बैंक्वेट हाल बुक कराना समझते हैं। इस समय केवल बर्तन, बिस्तर, कुर्सी, चारपाई आदि की ही बुकिंग चल रही है। मैरिज हाउस मालिक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि दिसंबर में एक-दो दिन लगन है। उसकी बुकिंग मेरे यहां और लगभग सभी मैरिज हाउस में चार से छह माह पहले ही हो गई है। उस तिथि पर अब कहीं मैरिज हाउस खाली मिलना मुश्किल है। मैरिज हाउस मालिक मुकुंद गोयनका के अनुसार मैरिज हाउस चार माह पहले ही बुक हो चुका है। केवल दो-तीन दिन की लगन है, इसलिए लोगों ने पहले ही बुक करा लिया है। इतना ही नहीं मेरे यहां जुलाई तक की बुकिंग हो चुकी है।


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