Raksha Bandhan 2020: इस बार राम राखियों की धूम, जानें- क्यों खास है यह रक्षाबंधन
Raksha Bandhan 2020 इस बार के रक्षाबंधन पर अयोध्या में श्रीराम मंदिर के शिलान्यास की पूरी छाप है। इस बार राम रक्षा राखियों की धूम है।
गोरखपुर, जेएनएन। इस बार रक्षाबंधन कई कारणों से खास है। इस बार प्रीति, सर्वासिद्धि और आयुष्मान योग पर्व को खास बनाएंगे। पांच अगस्त को अयोध्या में श्री राम मंदिर का शिलान्यास होने के कारण लोगों में इस बार अधिक उल्लास है। यह उल्लास दिखना भी शुरू हो गया है। इस बार राम राखियों की धूम है। बाजार में तरह-तरह की राखियों के अलावा इस बार कुछ संस्थाओं राम नाम लिखी राखियां भी लोगों के वितरित करवा रही हैं।
गोरखपुर के गुरूकृपा संस्थान की बहनों द्वारा प्रति वर्ष देश की रक्षा में तैनात सैनिकों एवं सुरक्षा कर्मियों को राष्ट्र रक्षा बंधन सूत्र बाधकर रक्षाबंधन उत्सव मनाया जाता रहा है। लेकिन इस वर्ष का कार्यक्रम अयोध्या में शिलान्यास कार्यक्रम को समर्पित होगा। इस बार प्रस्तावित राम मंदिर मॉडल, मॉडल के साथ भगवान राम का रौद्र रूप और लंका विजय के दौरान रामेश्वरम में पुल बनाने के लिए किए गए भगवान राम द्वारा रुद्राभिषेक के दृश्य जैसी तीन प्रकार की राखियां बनायी गई है।
सावन का सोमवार होने से विशेष होगा इस बार का रक्षाबंधन
भाई-बहन के अटूट स्नेह और विश्वास का पर्व रक्षाबंधन सोमवार को श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास के साथ धूमधाम से मनाया जाएगा। चूंकि इस बार का रक्षाबंधन सावन के आखिरी सोमवार को पड़ रहा है, ऐसे में ज्योतिषविदों के मुताबिक प्रीति, सर्वासिद्धि और आयुष्मान योग पर्व को खास बनाएंगे। ऐसा होने से इस बार बहनों को भाईयों की कलाई में राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त का इंतजार नहीं करना होगा। ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय के मुताबिक शुभ ग्रहों और नक्षत्रों की मौजूदगी भाई-बहन के स्नेह की डोर को और मजबूत बनाएगी। सर्वार्थ सिद्धि योग की वजह से रक्षाबंधन पर भाई और बहन दोनों की मनोकामनाएं पूरी होंगी। आयुष्मान योग भाई की कलाई पर बंधने वाले रक्षासूत्र को और मजबूत करेगा और उसे दीर्घायु बनाएगा। सावन के अंतिम सोमवार के दिन पूर्णिमा होने से भगवान शिव की कृपा भी रहेगी। मकर राशि का स्वामी शनि और सूर्य आपस में समसप्तक योग बना रहे हैं, शनि और सूर्य दोनों ही आयु बढ़ाते हैं।
सुबह 8ः30 से शुरू हो जाएगा राखी का मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य आचार्य शरद चंद्र मिश्र के मुताबिक सुबह भद्रा काल में रक्षाबंधन का कार्य निषिद्ध है। इसलिए सुबह 8ः29 बजे तक भद्रा होने के कारण राखी बांधना शुभ नहीं रहेगा। सुबह 8ः30 बजे से लेकर रात्रि 8ः21 बजे तक राखी बांधने का पुनीत कार्य सम्पन्न किया जा सकता। वैसे सुबह 8ः44 बजे से लेकर 10ः21 बजे तक सर्वाधिक शुभ मुहूर्त है। दोपहर दो बजे से शाम सात बजे तक बारी-बारी से चर, लाभ, अमृत योग है।