Gorakhpur University: इस बार बदले नियमों से होगी परीक्षा, इन दिशा निर्देशों का पालन होगा अनिवार्य
Gorakhpur University में इस बार बदले नियमों से परीक्षा होगी। परीक्षार्थियों को मास्क लगाकर आना अनिवार्य होगा।
गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय व संबद्ध महाविद्यालयों में तीन सितंबर से स्नातक एवं परास्नातक अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए बची हुई वार्षिक परीक्षाएं शुरू होंगी। परीक्षाओं में बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिया है। नए निर्देश के अनुसार परीक्षार्थी मास्क पहनकर या गमछा बांधकर परीक्षा दे सकते हैं। परीक्षा कक्षों में हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था अनिवार्य है। संशोधित परीक्षा कार्यक्रम वेबसाइट पर लोड कर दिया गया है। परीक्षा सुबह आठ बजे की जगह नौ बजे से शुरू होगी।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने जारी किया निर्देश, अब सुबह 9 बजे से शुरू होगी परीक्षा
परीक्षा नियंत्रक डा. अमरेंद्र कुमार सिंह के अनुसार परीक्षार्थियों के लिए मास्क अनिवार्य है। बिना मास्क के प्रवेश नहीं मिलेगा। परीक्षा केंद्रों पर प्रवेश द्वार पर ही परीक्षार्थियों के हाथ सैनिटाइज कराए जाएंगे। परीक्षार्थी अपने पास भी सैनिटाइजर रख सकते हैं। परीक्षा केंद्रों पर हाथ धाने के लिए साबुन व पानी की व्यवस्था रहेगी। सभी कर्मचारियों की थर्मल स्कैनिंग होगी। शारीरिक दूरी का पालन कराया जाएगा। परीक्षार्थी को समय से एक घंटे पहले केंद्र पर पहुंचना होगा। अगर किसी परीक्षार्थी की तबीयत खराब हो जाती है तो उसे अलग कमरे में बैठाया जाएगा। सभी केंद्रों पर अलग से एक-एक कमरे की व्यवस्था कराई गई है। प्रवेश पत्र ही पास के तौर पर मान्य होगा।
सत्र का समापन कर नजीर बना एमएमएमयूटी
सारी विषम परिस्थितियों को मात देते हुए मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय प्रदेश भर के विश्वविद्यालयों के लिए नजीर बना है। संभवतः यह प्रदेश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है, जिसने अपने यहां चलने वाले सभी पाठ्यक्रमों का परीक्षा परिणाम घोषित कर सत्र 2019-20 का समापन कर दिया है। इतना ही नहीं नए सत्र के शुभारंभ की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
ऐसा इसलिए संभव हो सका है क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन लाॅकडाउन के समय से ही इसे लेकर तैयारी कर रहा था। विश्वविद्यालय ने सभी पाठ्यक्रमों के सभी वर्ष के छात्रों की एक प्रतीकात्मक आॅनलाइन परीक्षा कराकर प्रोन्नत करने की तैयारी की थी। उसी बीच पहले अंतिम वर्ष की परीक्षा हर हाल में आॅनलाइन या आॅफलाइन कराने को लेकर यूजीसी और फिर शासन की गाइड लाइन आ गई तो विश्वविद्यालय को अपने प्रोन्नत प्रारूप को बदलना पड़ा। बावजूद इसके विश्वविद्यालय का परीक्षा विभाग विचलित नहीं हुआ। पहले पांच अगस्त को अंतिम वर्ष को छोड़कर सभी सभी पाठ्यक्रमों के अन्य वर्षों के छात्रों को एक निर्धारित प्रक्रिया अपनाकर प्रमोट कर दिया गया। फिर 17 से 23 अगस्त के बीच अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की आॅनलाइन मौखिक परीक्षा कराकर 26 अगस्त को उसका भी परिणाम घोषित कर दिया गया। यह मौखिक परीक्षाएं बीटेक, एमबीए और एमएससी (भौतिकी) के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए कराई गई थीं।
एमसीए और एमटेक का परीक्षा परिणाम जून के पहले पखवारे में ही घोषित कर दिया गया था। क्योंकि इन पाठ्क्रमों की परीक्षाएं और प्रोजक्ट कार्य लाॅकडाउन से पहले ही सम्पन्न कर लिए गए थे। विश्वविद्यालय प्रशासन अब 31 अगस्त से अगले सत्र की आनलाइन कक्षाओं की तैयारी को अंतिम रूप दे रहा है।
पहली बार वेबसाइट पर जारी हुआ परिणाम
विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बार परीक्षा परिणाम को लेकर एक नया प्रयोग भी कर डाला। पहली बार विश्वविद्यालय का आतंरिक परीक्षा परिणाम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जारी हुआ ताकि जो छात्र जहां हो, वहीं से अपना परिणाम इंटरनेट के माध्यम से देख सके। अबतक यह परिणाम विश्वविद्यालय के आंतरिक नेटवर्क पर ही देखा जा सकता था।
कोरोना संक्रमण की वजह से हमारा अगला सत्र प्रभावित न हो, इसके लिए परिणाम को लेकर तेजी की गई। एक माह से भी कम समय में शत-प्रतिशत परिणाम घोषित कर दिया गया। अब हमारा फोकस समय से आनलाइन क्लास शुरू करने पर है। - प्रो. जेपी पांडेय, कुलपति, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर।