Move to Jagran APP

Good News : बिजली भी बनाएगी यह चीनी मिल, पूर्वांचल से खत्‍म होगा बिजली संकट Gorakhpur News

पूर्वांचल से बिजली संकट शीघ्र खत्‍म होने वाला है। पिपराइच चीनी मिल प्रतिदिन 48 हजार यूनिट बिजली पैदा करेगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 11:21 AM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 12:54 PM (IST)
Good News : बिजली भी बनाएगी यह चीनी मिल, पूर्वांचल से खत्‍म होगा बिजली संकट Gorakhpur News
Good News : बिजली भी बनाएगी यह चीनी मिल, पूर्वांचल से खत्‍म होगा बिजली संकट Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर की पिपराइच चीनी मिल प्रतिदिन 48 हजार यूनिट बिजली पैदा करेगी। 4.78 रुपये की प्रति यूनिट की दर से मिल को 22 लाख 94 हजार 400 रुपये की आय होगी। माना जा रहा है कि इस मिल से बिजली का उत्‍पादन शुरू होने के बाद पूर्वांचल से बिजली संकट खत्‍म हो जाएगा।।

loksabha election banner

27 मेगावाट बिजली तैयार होगी

चीनी मिल में टरबाइन लग जाने से 27 मेगावाट बिजली तैयार होगी। सात मेगावाट बिजली चीनी मिल के संचालन में प्रयोग होगा। शेष 20 मेगावाट यानि 48 हजार यूनिट बिजली प्रतिदिन पैदा की जाएगी। उक्त बिजली पावर ग्रिड के माध्यम से हाटा सब स्टेशन को दी जाएगी।

शीघ्र शुरू होगा ट्रायल

इसजेक कंपनी साइट इंचार्ज शिव गोविंद श्रीवास्तव ने बताया कंपनी द्वारा कुछ तकनीकी व अपरिहार्य कारणों से ट्रायल सत्र में टरबाइन यहां नहीं आ सका था। टरबाइन सहित अल्टरनेटर यहां आठ जून को आया तब से लगातार उसे स्थापित करने का कार्य प्रगति पर है। लगभग 90 टन वजन वाला टरबाइन संयत्र जमीन से तीस मीटर की ऊंचाई पर तीसरे फ्लोर पर शिफ्ट किया गया है। चीनी मिल के महाप्रबंधक जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि नवंबर माह में पेराई सत्रारंभ से पूर्व इसका ट्रायल एवं टेस्ट शुरू किया जाएगा।

ब्वायलर से उत्पादित स्टीम से टरबाइन चलाकर पैदा होती है बिजली

चीनी मिल के मुख्य अभियंता अजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया चीनी मिल चलाने व गन्ना पेराई कार्य में पावर महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने बताया कि यह मिल अत्यंत मार्डन तकनीकी पर स्थापित की गई है। इसे फ्यूल (बगास) का खपत ब्वायलर में न्यूनतम होगा एवं बगास की बचत अधिक से अधिक होगी। जीरो लिक्विड डिस्चार्ज वाली यह मिल बगास पर आधारित है। बगास को ब्वायलर में जलाकर भांप यानी स्टीम पैदा किया जाएगा। टरबाइन अल्टरनेटर के माध्यम से बिजली पैदा करती है। यदि मिल को पर्याप्त गन्ना मिला और अधिक समय तक पेराई की तो संभावना यह है कि पेराई सत्र समाप्त होने के उपरांत बंदी में भी बिजली पावर ग्रिड को दिया जाता रहेगा है।

विद्युत ग्रिड व टावर निर्माण में नौ करोड़ खर्च

विद्युत आयात व निर्यात केलिए हाटा सब स्टेशन से मिल परिसर तक 14 किलोमीटर 132 केवीए के लाइन ग्रिड व टावर लगाया गया है। इसके लिए चीनी मिल ने पावर कार्पोरेशन को लगभग नौ करोड़ का भुगतान किया गया है।

पिपराइच चीनी मिल एक नजर में

  • 22 लाख की बिजली प्रतिदिन निर्यात करेगी चीनी मिल
  • टरबाइन व अल्टरनेटर लगाने का कार्य अंतिम चरण में पहुंचा
  • मिल परिसर में स्थापित स्वीच यार्ड, जिसके माध्यम से विद्युत का आयात व निर्यात करेगी मिल
  • अंतिम चरण में 411 करोड़ की लागत वाली चीनी मिल का निर्माण
  • 48 हजार यूनिट बिजली प्रतिदिन होगी पैदा, 4.78 की दर से होगी बिक्री

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.