एक दिसंबर को समाप्त हो जाएगी रेलवे की यह स्कीम Gorakhpur News
दिसंबर 2017 में रेलवे बोर्ड ने पुनर्नियोजित होने वाले कर्मियों की उम्र 62 से 65 वर्ष करते हुए स्कीम की वैधता एक दिसंबर 2019 तक बढ़ा दी थी।
गोरखपुर, जेएनएन। भारतीय रेलवे में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए लागू री-इंगेजमेंट स्कीम (पुनर्नियोजन योजना) एक दिसंबर तक ही वैध है। रेलवे बोर्ड ने अगर विस्तार के लिए कोई नया दिशा-निर्देश जारी नहीं किया तो यह योजना समाप्त हो जाएगी। यानी, एक दिसंबर के बाद सेवानिवृत रेलकर्मियों की तैनाती नहीं होगी।
उहापोह की स्थिति बरकरार
बहरहाल, री-इंगेजमेंट स्कीम को लेकर रेलवे प्रशासन और कर्मचारियों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है। रेलवे प्रशासन ही नहीं, कर्मचारी भी बोर्ड के नए दिशा-निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। जानकारों के अनुसार दिसंबर 2017 में रेलवे बोर्ड ने पुनर्नियोजित होने वाले कर्मियों की उम्र 62 से 65 वर्ष करते हुए स्कीम की वैधता एक दिसंबर 2019 तक बढ़ा दी थी। इसके बाद भारतीय रेलवे में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की तैनाती शुरू हो गई। पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न विभागों में सैकड़ों सेवानिवृत्त रेलकर्मी तैनात किए गए।
स्कीम की वैधता समाप्त हो रही है तो रेलवे प्रशासन ही नहीं कर्मचारियों की भी चिंता बढ़ गई है। सूत्रों का कहना है कि रेलवे बोर्ड ने इस योजना को एक दिसंबर तक ही विस्तार दिया है। अगर विस्तार देना होगा तो निर्देशित करेगा। अन्यथा यह योजना अपने आप खत्म हो जाएगी।
रेलकर्मियों के बीच चर्चा का विषय
री-इंगेजमेंट स्कीम अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच चर्चा में है। रेलकर्मियों के बीच यह मुद्दा सोशल मीडिया पर भी छाया हुआ है। पिछले सप्ताह रेलवे प्रशासन की चिट्ठी ने चर्चा को और हवा दे दी थी।
शुरू से गूंजते रहे विरोध के स्वर
कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए वर्ष 2017 में री-इंगेजमेंट स्कीम लागू हुई। रेलवे और सेवानिवृत्त कर्मियों को लाभ तो मिला, लेकिन शुरुआत के साथ विरोध भी होने लगा। लोगों का कहना था कि इससे बेराजगारी बढ़ेगी।