जेल से गिरोह का संचालन कर रहा यह कुख्यात अपराधी
जेल में बंद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना की गतिविधियाें पर यहां करागार में भी अंकुश नहीं लग पा रहा है। रंगदारी मांगने की सूचना पर पुलिस सतर्क हो गई है।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 25 Feb 2019 09:23 AM (IST)Updated: Tue, 26 Feb 2019 09:41 AM (IST)
विश्वदीपक त्रिपाठी, महराजगंज। महराजगंज जेल में बंद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना की गतिविधियाें पर यहां करागार में भी अंकुश नहीं लग पा रहा है । दुजाना के नाम पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपराधियों द्वारा रंगदारी मांगने की सूचना पर पुलिस सतर्क हो गई है। उसकी एक-एक गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। उसके बैरैक में सुरक्षाकर्मियों के अलावा किसी अन्य के जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। बांदा जेल से महराजगंज में स्थानांतरित हो कर आए इस हार्डकोर क्रिमिनल के गुर्गें की महराजगंज में मौजूदगी भी पुलिस के लिए चिंता का विषय बनी है।
जांच की जद में आए दो बंदीरक्षक
ग्रेटर नोएडा के कासना पुलिस के हत्थे चढ़े गैंगस्टर अंकित जाट से हुई पूछताछ के बाद पुलिस को जानकारी मिली कि महराजगंज जेल से भी अनिल दुजाना अपने गुर्गों के संपर्क में है। उसके द्वारा भेज गए मैसेज के माध्यम से गुर्गे रंगदारी मांग रहे हैं। अंकित जाट के मोबाइल पर महराजगंज के जो दो नंबर दिख हो रहे हैं , वह यहां तैनात दो बंदी रक्षकों के हैं। बंदीरक्षक श्याम तो वर्तमान समय में महराजगंज जेल में ही तैनात है, जबकि अरविंद का तबादला बीते जून माह में बलिया हो गया है। इन दोनों बंदी रक्षकों के खिलाफ ग्रेटर नोएडा पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है।
अपराधों की लंबी है फेहरिस्त
अनिल दुजाना व उसके गैंग की अपराध से जुड़ी लंबी फेहरिस्त है। 2011 में अनिल गैंग पर साहिबाबाद के एक शादी समारोह में तीन लाेगों को मौत के घाट उतारने का अारोप है। 2015 में हुए राजकुमार शर्मा व सरकारी गनर नितिन वर्मा हत्याकांड में भी अनिल दुजाना साजिश रचने का आरोपित है।
प्रमाण मिलते ही होगी कार्रवाई
महराजगंज के जेल अधीक्षक एके सिंह ने कहा कि महराजगंज के दोनों बंदी रक्षकों के खिलाफ दर्ज मुकदमे के संबंध में अभी कोई लिखित जानकारी नहीं मिली है। आवश्यक प्रमाण मिलते ही जांच कर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। अनिल को दूसरी जेल में शिफ्ट करने के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा गया है।
कुख्यात दुजाना से नाम जुड़ते ही भूमिगत हुआ बंदीरक्षक
महराजगंज जिला कारागार में बंद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना व बंदीरक्षक श्याम के बीच गठजोड़ का खुलासा होने के बाद रविवार को इस मामले में नया मोड़ आ गया है। आरोपित बंदी रक्षक श्याम बीते दो दिनों से ड्यूटी पर नहीं आ रहा है। जेल अधिकारियों ने उसके महराजगंज स्थित आवास पर भी तलाश की, लेेकिन बंदी रक्षक का कहीं पता नहीं चल सका है। ग्रेटर नोएडा के कासना पुलिस के हत्थे चढ़े गैंगस्टर अंकित जाट से हुई पूछताछ के बाद पुलिस को यह सूचना मिली थी कि महराजगंज जेल से भी अनिल दुजाना अपने गुर्गों के संपर्क में है। उसके द्वारा भेज गए मैसेज के माध्यम से गुर्गे रंगदारी मांग अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। अंकित जाट के मोबाइल पर जो दो नंबर दिख रहे थे , जांच पड़ताल में वह नंबर महराजगंज के दो बंदी रक्षकों के होने की पुष्टि हुई। बंदीरक्षक श्याम तो वर्तमान समय में महराजगंज जेल में तैनात है, जबकि अरविंद का तबादला बीते जून माह में बलिया हो गया है। इन दोनों बंदी रक्षकों के खिलाफ ग्रेटर नोएडा की कासना पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है। अंकित जाट के पुलिस के हत्थे चढ़ने व अपराधियों से गठजोड़ का खुलासा होते ही बंदीरक्षक श्याम भूमिगत हो गया है। जेलर अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि श्याम शनिवार से ही ड्यूटी पर नहीं आ रहा है। उसकी तलाश की जा रही है।
जांच की जद में आए दो बंदीरक्षक
ग्रेटर नोएडा के कासना पुलिस के हत्थे चढ़े गैंगस्टर अंकित जाट से हुई पूछताछ के बाद पुलिस को जानकारी मिली कि महराजगंज जेल से भी अनिल दुजाना अपने गुर्गों के संपर्क में है। उसके द्वारा भेज गए मैसेज के माध्यम से गुर्गे रंगदारी मांग रहे हैं। अंकित जाट के मोबाइल पर महराजगंज के जो दो नंबर दिख हो रहे हैं , वह यहां तैनात दो बंदी रक्षकों के हैं। बंदीरक्षक श्याम तो वर्तमान समय में महराजगंज जेल में ही तैनात है, जबकि अरविंद का तबादला बीते जून माह में बलिया हो गया है। इन दोनों बंदी रक्षकों के खिलाफ ग्रेटर नोएडा पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है।
अपराधों की लंबी है फेहरिस्त
अनिल दुजाना व उसके गैंग की अपराध से जुड़ी लंबी फेहरिस्त है। 2011 में अनिल गैंग पर साहिबाबाद के एक शादी समारोह में तीन लाेगों को मौत के घाट उतारने का अारोप है। 2015 में हुए राजकुमार शर्मा व सरकारी गनर नितिन वर्मा हत्याकांड में भी अनिल दुजाना साजिश रचने का आरोपित है।
प्रमाण मिलते ही होगी कार्रवाई
महराजगंज के जेल अधीक्षक एके सिंह ने कहा कि महराजगंज के दोनों बंदी रक्षकों के खिलाफ दर्ज मुकदमे के संबंध में अभी कोई लिखित जानकारी नहीं मिली है। आवश्यक प्रमाण मिलते ही जांच कर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। अनिल को दूसरी जेल में शिफ्ट करने के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा गया है।
कुख्यात दुजाना से नाम जुड़ते ही भूमिगत हुआ बंदीरक्षक
महराजगंज जिला कारागार में बंद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना व बंदीरक्षक श्याम के बीच गठजोड़ का खुलासा होने के बाद रविवार को इस मामले में नया मोड़ आ गया है। आरोपित बंदी रक्षक श्याम बीते दो दिनों से ड्यूटी पर नहीं आ रहा है। जेल अधिकारियों ने उसके महराजगंज स्थित आवास पर भी तलाश की, लेेकिन बंदी रक्षक का कहीं पता नहीं चल सका है। ग्रेटर नोएडा के कासना पुलिस के हत्थे चढ़े गैंगस्टर अंकित जाट से हुई पूछताछ के बाद पुलिस को यह सूचना मिली थी कि महराजगंज जेल से भी अनिल दुजाना अपने गुर्गों के संपर्क में है। उसके द्वारा भेज गए मैसेज के माध्यम से गुर्गे रंगदारी मांग अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। अंकित जाट के मोबाइल पर जो दो नंबर दिख रहे थे , जांच पड़ताल में वह नंबर महराजगंज के दो बंदी रक्षकों के होने की पुष्टि हुई। बंदीरक्षक श्याम तो वर्तमान समय में महराजगंज जेल में तैनात है, जबकि अरविंद का तबादला बीते जून माह में बलिया हो गया है। इन दोनों बंदी रक्षकों के खिलाफ ग्रेटर नोएडा की कासना पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है। अंकित जाट के पुलिस के हत्थे चढ़ने व अपराधियों से गठजोड़ का खुलासा होते ही बंदीरक्षक श्याम भूमिगत हो गया है। जेलर अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि श्याम शनिवार से ही ड्यूटी पर नहीं आ रहा है। उसकी तलाश की जा रही है।
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