बुद्धि और स्मृति वर्धक है यह पौधा, गोरखपुर में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध Gorakhpur News
इस पौधे की पत्तियां और तना मुलायम और गूदेदार होते हैं जबकि फूल सफेद होता है। गोरखपुर परिक्षेत्र में यह औषधीय पौधा वेट लैंड में बहुतायत पाया जाता है।
गोरखपुर, जेएनएन। औषधीय गुणों से युक्त ब्राह्मी बूटी एक शाकीय पौधा है। नम भूमि पर पाया जाना वाला यह पौधा सफेद चमनी, सम्मिलता, नीर ब्राह्मी, जल नेवरी आदि नाम से भी जाना जाता है। गोरखपुर विश्वविद्यालय वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो.वीएन पांडेय का कहना है कि पौधे का वानस्पतिक नाम बकोपा मोनिएरी है। इसका पंचांग यानी जड़, तना, पत्ती फूल और बीज सभी बहुउपयोगी हैं।
इसे ऐसे पहचानें
इस पौधे की पत्तियां और तना मुलायम और गूदेदार होते हैं जबकि फूल सफेद होता है। गोरखपुर परिक्षेत्र में यह औषधीय पौधा वेट लैंड में बहुतायत पाया जाता है, लेकिन जलीय क्षेत्र एवं नम स्थानों की संरचना में परिवर्तन के कारण इनकी कमी हो रही है।
औषधीय रसायन है यह पौधा
प्राकृतिक औषधीय पौधे में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, मिनरल के अलावा मुख्य औषधीय रसायन वकोसाइड ए, वकोसाइड बी, जजुवोजेनिन, वकोपोसेपानीन है। इसके अलावा एल्केलॉयड, ल्यूटिकोलिनू एवं एपीजेनीन भी पाया जाता है।
इसका यह है उपयोग
ब्राह्मी एक बुद्धिवर्धक और स्मृतिवद्र्धक औषधिहै। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो उन तत्वों को खत्म करने में सहायक है जो कैंसर सेल को बढऩे में मदद करते हैं। इसका नियमित सेवन पाचन संबंधी दिक्कतों में लाभकारी है। साथ ही ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रखने में भी यह उपयोगी है।