ये है बिजली विभाग का स्मार्ट मीटर, लोड छुपाने वालों की निकल रही हवा Gorakhpur News
मनोज श्रीवास्तव ने बिजली कनेक्शन लेते समय घर का लोड तीन किलोवाट दर्शाया था। अब स्मार्ट मीटर आठ किलोवाट का लोड दर्ज करते हुए जुर्माना के साथ बिल बना रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। बिजली का वास्तविक लोड छुपाकर ज्यादा बिजली खपत करने वालों की खबर स्मार्ट मीटर ले रहा है। स्मार्ट मीटर खुद ही ज्यादा लोड की गणना कर बिल बना रहा है। साथ ही स्वीकृत लोड से ज्यादा लोड का जुर्माना भी मूल बिल में जोड़ दे रहा है। स्मार्ट मीटर से बिल आने के बाद अब उपभोक्ता अपने कनेक्शन का लोड बढ़ाने में जुटे हुए हैं।
ऐसे खुल रही चालाकी की पोल
शाहपुर के मनोज श्रीवास्तव ने बिजली कनेक्शन लेते समय घर का लोड तीन किलोवाट दर्शाया था। तब से इसी लोड पर बिल बनता था। अब स्मार्ट मीटर आठ किलोवाट का लोड दर्ज करते हुए जुर्माना के साथ बिल बना रहा है। राप्तीनगर निवासी रियाज खान के घर स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिल ज्यादा आने लगा। वह अफसरों के पास बिल ठीक कराने पहुंचे। जांच में पता चला कि घर का लोड ज्यादा है और स्वीकृत लोड कम है। इस कारण बिल ज्यादा है। सामान्य बिजली मीटर भी कनेक्शन का वास्तविक डिमांड डिस्प्ले करता था। मीटर रीडर को नियमानुसार वास्तविक डिमांड दर्ज करना होता था लेकिन ज्यादातर ऐसा नहीं करते थे। इस कारण स्वीकृत लोड पर ही बिजली का बिल बनता था। स्मार्ट मीटर ने वास्तविक लोड पर बिल बनाना शुरू कर दिया है।
ऐसे होती है गणना
मान लीजिए आपके घर के बिजली कनेक्शन का लोड दो किलोवाट है लेकिन घर में चार किलोवाट का लोड है। स्मार्ट मीटर फिक्स चार्ज दो किलोवाट का नहीं बल्कि चार किलोवाट का जोड़ेगा। इसके बाद स्वीकृत लोड से ज्यादा लोड होने के कारण पूरे लोड पर फिर से जुर्माना लगाएगा। घरेलू कनेक्शन का प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज वर्तमान में 110 रुपये प्रति माह है। स्मार्ट मीटर पहले 440 और बाद में फिर 440 रुपये यानी दो किलोवाट के कनेक्शन पर 880 रुपये के फिक्स चार्ज का बिल देगा।
तीन महीने बाद लगने शुरू हुए मीटर
तीन महीने से स्मार्ट मीटर लगने का काम बंद था। बिजली निगम प्रबंधन के निर्देश के बाद अब स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो गया है। नए कनेक्शन पर स्मार्ट मीटर ही लगाया जा रहा है। गोरखपुर शहर में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 1.80 लाख है और उपभोक्ताओं के घर सिर्फ 51 हजार स्मार्ट मीटर लगे हैं। अधीक्षण अभियंता यूसी वर्मा का कहना है कि स्मार्ट मीटर के कई फायदे हैं। मीटर रीडरों की जिम्मेदारी होती थी कि वह मीटर से देखकर उपभोक्ता के परिसर का वास्तविक लोड दर्ज करें लेकिन ज्यादातर ऐसा नहीं करते थे। अब स्मार्ट मीटर वास्तविक लोड पर बिल बनाकर जुर्माना भी लगा रहा है। जिनके घर बिजली की खपत ज्यादा है उन उपभोक्ताओं को कनेक्शन का लोड बढ़वा लेनी चाहिए। इससे उपभोक्ता जुर्माना से बच जाएंगे।
बक्शीपुर उपकेंद्र में टपक रहा पानी, भीग रहे स्मार्ट मीटर
बक्शीपुर बिजली उपकेंद्र की छत से पानी टपकने लगा है। अफसरों और कर्मचारियों के कार्यालय की छत से पानी टपकने के कारण काम पर असर पड़ रहा है। दो साल पहले बक्शीपुर में बिजली निगम का नया भवन बनाने की स्वीकृति मिली थी लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो सका है। बक्शीपुर बिजली उपकेंद्र का भवन जर्जर हो चुका है। हल्की सी बारिश में भी पुरानी छत से कई जगह पानी टपकने लगता है। यहां तक कि बिजली मीटर समेत अन्य उपकरण भी पानी में भीगने लगते हैं। मंगलवार को हुई मूसलधार बारिश के बाद उपकेंद्र की छत समेत पूरे परिसर की छत से पानी टपकने लगा। बारिश के बीच पानी टपकने और बिजली आपूर्ति जारी रहने से अफसरों और कर्मचारियों में भय व्याप्त है।
नगरीय विद्युत वितरण खंड द्वितीय बक्शीपुर के अधिशासी अभियंता वाइएन राम ने कहा कि नए भवन की स्वीकृति मिल गई है। काम शुरू करने को लेकर सिविल खंड के अफसरों से बात करूंगा। कहा कि उपभोक्ताओं के साथ ही कर्मचारियों को सुरक्षित रखना उनकी प्राथमिकता है।