Move to Jagran APP

यह है गरीब नवाज लाइब्रेरी, सभी धर्मो से कराती है परिचय

गरीब नवाज लाइब्रेरी में सभी धर्मो की पुस्तकें हैं। खास बात यह है कि अभी दो वर्ष से यह लाइब्रेरी संचालित हो रही हैं।

By Edited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 09:11 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 09:11 AM (IST)
यह है गरीब नवाज लाइब्रेरी, सभी धर्मो से कराती है परिचय
यह है गरीब नवाज लाइब्रेरी, सभी धर्मो से कराती है परिचय
गोरखपुर, जेएनएन। सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के बैदौलागढ़ स्थित गरीब नवाज लाइब्रेरी में सभी धर्मों की पवित्र पुस्तकें संजो कर रखी गई हैं। इसमें तीन सौ साल पहले की फारसी में लिखित व ¨हदी में अनुवादित रामायण, चारों वेद, मनुस्मृति, दो पुराण तथा ¨हदी साहित्य की पुस्तकें शामिल हैं। दो वर्ष से संचालित है लाइब्रेरी बैदौला चौराहे के निकट संचालित दारूल उलूम गरीब नवाज मदरसे में 2016 में स्थापित किया गया। इसे आयशा बेगम एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा स्थापित कराया गया है।
खास बात यह है कि इसमें सभी धर्मो की पुस्तकें मौजूद है। लाइब्रेरी में पढ़ने या फिर पुस्तकों को घर ले जाकर पढ़ने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अलावा भी हैं तमाम ज्ञान वर्धक पुस्तकें सामान्य से दिखने वाली इस लाइब्रेरी में वर्ष 1715 में डॉ सुमेर चंद्र द्वारा फारसी में लिखित तथा हिन्दी में तीन भाग में अनुवादित रामायण की पुस्तक है। यहां ऋग्वेद, अथर्ववेद, यजुर्वेद, सामवेद की पुस्तकें भी हैं।
इसी तरह शिवपुराण, गरुण पुराण, मनुस्मृति और गीता प्रेस की राम चरित मानस, वीरप्पा मोईली द्वारा अनुवादित अंग्रेजी में रामायण की प्रति दो भागों में पाठकों के लिए उपलब्ध है। जायसी द्वारा लिखित पद्मावत, श्रीअष्टावक्र महागीता, ज्ञान गंगा, मेरी आस्था जैसी पुस्तकें भी उपलब्ध हैं। इस्लाम धर्म की पवित्र पुस्तक कुरआन-ए-पाक मुअर्रा तथा मुतरजम 22 लेखकों की किताबें भी इस लाइब्रेरी में हैं। तफसीरे कबीर 30 भागों में, रूहुलबयां 14 भाग, नईमी 18 भाग, जलालैन, अहमदिया व तफसीरे नमूना जैसी विशेष पुस्तकें हैं।
यहां पर समाज शास्त्र के साथ चिकित्सा शिक्षा की 30 यूनानी किताबें लाइब्रेरी में मिल जाएंगी। कबीर पंथियों के पंथ नामक पुस्तक तो बौद्ध अनुयायियों के लिए बुद्ध का पथ भी यहां पर उपलब्ध है। सिख धर्म की जानकारी के लिए पूरी गुरुबानी, गुरु ग्रंथ साहब चार भाग में, सिखों का इतिहास, गुरु गो¨वद ¨सह गुरुबानी उर्दू में शोभा बढ़ा रही है। ¨हदी और अंग्रेजी में ईसाई धर्म की बाइबिल, यहूदी धर्म की पवित्र पुस्तक तौरेत 1891 की मुंशी नवल किशोर द्वारा लिखित अरबी फारसी में ज्ञानार्जन हेतु उपलब्ध है।
भारत का संविधान, आइपीसी की किताब, प्रथम स्वाधीनता हेतु 1857 संघर्ष, दण्ड प्रक्रिया संहिता, ¨हदू व मुस्लिम ला के साथ पर्सनल ला की पुस्तक व हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, अरबी, फारसी के शब्दकोश के साथ आरटीआइ की पूरी जानकारी देने संबंधी किताबें पाठकों के लिए संरक्षित हैं। निश्शुल्क उपलब्ध कराई जाती पुस्तकें लाइब्रेरी के संचालक मौलाना हफीजुल्लाह कहते हैं कि इस लाइब्रेरी में सभी धर्मों की पवित्र पुस्तकें व छात्रों के लिए ज्ञानोपयागी तमाम किताबें उपलब्ध हैं। यह लाइब्रेरी प्रतिदिन दो वक्त खुलती है। सुबह 10 बजे से दिन में दो बजे तक और शाम चार बजे से रात 10 बजे तक लाइब्रेरी में अध्ययन किया जा सकता है।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.