धार्मिक भावनाएं भड़का रही है यह फिल्म, रोक लगाए सरकार Gorakhpur News
मॉब लिंचिंग पर सख्त कानून बनाने व वसीम रिज़वी की निर्माणाधीन फिल्म आयशा पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर हिन्दू-मुस्लिम एकता कमेटी ने डीएम को ज्ञापन सौंपा।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 02:56 PM (IST)Updated: Fri, 30 Aug 2019 03:46 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। मॉब लिंचिंग पर सख्त कानून बनाने व वसीम रिज़वी की निर्माणाधीन फिल्म 'आयशा' पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर हिन्दू-मुस्लिम एकता कमेटी ने गुरुवार को डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं भड़का रहे हैं वसीम रिजवी
कमेटी के संरक्षक शाकिर अली सलमानी ने कहा कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं भड़काते हैं। दीन-ए-इस्लाम की मुकद्दस हस्तियों, धर्मगुरुओं, मदरसों आदि पर अनापशनाप बोलकर मुसलमानों की भावनाएं आहत करते हैं। अब तो उन्होंने सारी हदें पार कर दी हैं।
मुकदमा दर्ज करने की मांग
कमेटी ने मांग की कि वसीम रिज़वी की इस फिल्म पर तुरंत रोक लगाकर उनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। वसीम रिज़वी जैसे ओछी मानसिकता के लोग भारत की गंगा जमुनी तहजीब पर बदनुमा दाग हैं। उन्होंने कहा कि भारत में धार्मिक भावनाएं भड़काने वालों पर लगाम लगाने के लिए सख्त कानून बनाया जाए। ताकि किसी धर्म के पैगंबर, देवी-देवता, धार्मिक ग्रंथों के बारे में कोई भी आपत्तिजनक अपशब्द कहने की जुर्रत न कर सके।
यह रहे शामिल
ज्ञापन सौंपने वालों में कायस्थ सेना प्रमुख विजय कुमार श्रीवास्तव, मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीजी, पंडित विपुल त्रिपाठी, यासिर अली, शमशाद खान, मुमताज अंसारी, डा. के. शर्मा, अदनान खान, रज्जाक सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
हत्याओं की निंदा की, कड़ी कार्रवाई की मांग
कमेटी ने बनारस में ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव की हत्या, बरहज में सुमित जायसवाल और दिल्ली में हाफिज ओवैसी की भीड़ द्वारा हत्या के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई और पीड़ित परिवार को 50 करोड़ रुपये मुआवजा और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की।
मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं भड़का रहे हैं वसीम रिजवी
कमेटी के संरक्षक शाकिर अली सलमानी ने कहा कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं भड़काते हैं। दीन-ए-इस्लाम की मुकद्दस हस्तियों, धर्मगुरुओं, मदरसों आदि पर अनापशनाप बोलकर मुसलमानों की भावनाएं आहत करते हैं। अब तो उन्होंने सारी हदें पार कर दी हैं।
मुकदमा दर्ज करने की मांग
कमेटी ने मांग की कि वसीम रिज़वी की इस फिल्म पर तुरंत रोक लगाकर उनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। वसीम रिज़वी जैसे ओछी मानसिकता के लोग भारत की गंगा जमुनी तहजीब पर बदनुमा दाग हैं। उन्होंने कहा कि भारत में धार्मिक भावनाएं भड़काने वालों पर लगाम लगाने के लिए सख्त कानून बनाया जाए। ताकि किसी धर्म के पैगंबर, देवी-देवता, धार्मिक ग्रंथों के बारे में कोई भी आपत्तिजनक अपशब्द कहने की जुर्रत न कर सके।
यह रहे शामिल
ज्ञापन सौंपने वालों में कायस्थ सेना प्रमुख विजय कुमार श्रीवास्तव, मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीजी, पंडित विपुल त्रिपाठी, यासिर अली, शमशाद खान, मुमताज अंसारी, डा. के. शर्मा, अदनान खान, रज्जाक सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
हत्याओं की निंदा की, कड़ी कार्रवाई की मांग
कमेटी ने बनारस में ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव की हत्या, बरहज में सुमित जायसवाल और दिल्ली में हाफिज ओवैसी की भीड़ द्वारा हत्या के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई और पीड़ित परिवार को 50 करोड़ रुपये मुआवजा और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की।
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