Indian Rail: रेलवे में इस श्रेणी के कर्मचारी अब नहीं हो सकते किसी यूनियन के पदाधिकारी
रेलवे बोर्ड ने कर्मचारी संगठनों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अब सेफ्टी (संरक्षा) श्रेणी के 4200 ग्रेड पे व उससे ऊपर के सुपरवाइजर (पर्यवेक्षक) किसी भी संगठन के पदाधिकारी नहीं हो सकते हैं। 31 अक्टूबर तक अपने आप यूनियनों का पद समाप्त हो जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वोत्तर रेलवे सहित सभी जोन में बोनस की मांग व निजीकरण के विरोध में कर्मचारी संगठनों का धरना- प्रदर्शन चल रहा है। कर्मचारी 22 अक्टूबर से रेलवे का चक्का जाम करने की चेतावनी दे रहे हैं। वहीं रेलवे बोर्ड ने कर्मचारी संगठनों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अब सेफ्टी (संरक्षा) श्रेणी के 4200 ग्रेड पे व उससे ऊपर के सुपरवाइजर (पर्यवेक्षक) किसी भी संगठन के पदाधिकारी नहीं हो सकते हैं। 31 अक्टूबर तक अपने आप यूनियनों का पद समाप्त हो जाएगा।
सेफ्टी श्रेणी के कर्मी नहीं होंगे यूनियन के पदाधिकारी
नई व्यवस्था के तहत सेफ्टी श्रेणी के 4200 ग्रेड पे व उससे ऊपर के सुपरवाइजर किसी भी पंजीकृत यूनियन में सदस्य हो सकते हैं। अगर कोई सुपरवाइजर किसी भी संगठन का पदाधिकारी है तो उसे संगठन और रेलवे प्रशासन को यथाशीघ्र इसकी जानकारी देनी होगी। दरअसल, रेलवे ने दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए संरक्षा पर विशेष ध्यान देना शुरू किया है। रेलवे का मानना है कि किसी भी संगठन में पदाधिकारी बनने के बाद रेल संचालन में लगे संरक्षा श्रेणी के सुपरवाइजर पदों पर तैनात रेलकर्मी अपनी डय़ूटी पूरी ईमानदारी के साथ नहीं निभा पाते। जबकि, सुपरवाइजरों को सातों दिन 24 घंटे अलर्ट रहना होता है। ऐसे में हर पल संरक्षा प्रभावित होने की आशंका बनी रहती है। फिलहाल इस संबंध में रेलवे बोर्ड ने 19 अक्टूबर को सभी महाप्रबंधकों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।
यह हैं सेफ्टी श्रेणी के पद
लोको पायलट, गार्ड, स्टेशन मास्टर, रेल लाइनों पर कार्य करने वाले ट्रैकमैन, प्वाइंटमैन, गेटमैन, कांटावाला, स्टेशन पर तैनात सिग्नल के इंजीनियर व कर्मचारी, सेक्शन इंजीनियर (रेलपथ), यातायात निरीक्षक और यार्ड मास्टर आदि।