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यह एप से रोकेगा छात्राओं का ड्रॉप आउट, शिक्षा विभाग कर रहा तैयारी Gorakhpur News

शिक्षा विभाग छात्राओं का ड्रॉप आउट (बीच सत्र पढ़ाई छोडऩे वाले) रोकने के लिए महकमा एप का सहारा लेने जा रहा है। विभाग ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 11:15 AM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 01:10 PM (IST)
यह एप से रोकेगा छात्राओं का ड्रॉप आउट, शिक्षा विभाग कर रहा तैयारी Gorakhpur News
यह एप से रोकेगा छात्राओं का ड्रॉप आउट, शिक्षा विभाग कर रहा तैयारी Gorakhpur News

गोरखपुर, प्रभात कुमार पाठक। माध्यमिक विद्यालयों में नामांकित छात्राओं का ड्रॉप आउट (बीच सत्र पढ़ाई छोडऩे वाले) रोकने के लिए महकमा एप का सहारा लेगा। स्कूल ड्रॉप आउट मॉनिट सिस्टम एप के जरिये विभागीय अधिकारी छात्राओं की पाक्षिक उपस्थिति की पड़ताल करेंगे। इसके पीछे उद्देश्य न सिर्फ छात्राओं का विकास करना है बल्कि उन्हें गुणवत्तापरक शिक्षा भी देना है। मंडलायुक्त की पहल पर गोरखपुर मंडल में इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। पहले चरण में मंडल के चारों जिलों गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज व कुशीनगर के 70-70 शिक्षक प्रशिक्षित होंगे।

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जिले में जिविनि व मंडल स्तर पर जेडी करेंगे मॉनिटरिंग

एप लांच होने के बाद जो शिक्षक अपने स्मार्ट फोन पर उस एप को डाउनलोड करेगा, उसका फोन स्वत: पंजीकृत हो जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इसी एप के जरिये संबंधित शिक्षक विभागीय अधिकारियों को अपने-अपने विद्यालय में कक्षा 9 व 11 में अध्ययनरत छात्राओं की हर दिन की उपस्थिति की जानकारी देंगे। इन शिक्षकों को जनपदवार जिला विद्यालय निरीक्षक के कंप्यूटर से जोड़ा जाएगा। जनपद स्तर पर जिविनि व मंडल स्तर पर जेडी स्वयं छात्राओं की प्रत्येक दिन की उपस्थिति की मॉनिटङ्क्षरग करेंगे।

छात्राओं की उपस्थिति सही है या नहीं, होगी रैंडम चेकिंग

एप के जरिये शिक्षक छात्राओं की उपस्थिति की सही जानकारी दे रहे हैं कि नहीं इसका पता लगाने के लिए स्कूलों की रैंडम चेकिंग की जाएगी। कंप्यूटर से ऑनलाइन जुड़े होने के कारण संयुक्त शिक्षा निदेशक व जिला विद्यालय निरीक्षक विद्यालय किसी भी छात्रा से सीधे बात कर वास्तविक स्थिति की जानकारी कर सकते हैं।

गत वर्ष के आकड़ों के आधार पर कक्षा 9 व 11 में नामांकित छात्राओं के ड्रॉपआउट होने की बात सामने आई है। इसी के मद्देजनर यह पहल की गई है। इसके लिए सूचना भेजने वाले विद्यालय के प्रधानाचार्य को स्मार्ट फोन रखना अनिवार्य होगा। इस पहल के जरिये छात्राओं को शिक्षित कर सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। जल्द ही इसका बेहतर परिणाम देखने को मिलेगा। - योगेंद्र नाथ सिंह, संयुक्त शिक्षा निदेशक, सप्तम मंडल, गोरखपुर।


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