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AIIMS Gorakhpur: इलाज के साथ अब बीमारियों पर शोध भी होगा

शासन से अनुमति के बाद गोरखपुर एम्‍स में पूर्वांचल के 28 जिलों की प्रमुख बीमारियों- इंसेफ्लाइटिस मलेरिया फाइलेरिया कालाजार डेंगू के अलावा मातृ-शिशु मृत्यु के कारणों की पड़ताल कर उसकी रोकथाम के उपाय किए जाएंगे। इसके लिए प्‍लान तैयार हो गया है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 05:28 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 09:53 AM (IST)
AIIMS Gorakhpur: इलाज के साथ अब बीमारियों पर शोध भी होगा
गोरखपुर एम्‍स की निदेशक डा. सुरेखा किशोर।

गोरखपुर, जेएनएन। वर्ष 2021 में भी गोरखपुर को पूर्ण विकसित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)  मिल जाएगा। यहां शोध भी होगा और इलाज भी। जून 2021 तक आइपीडी (आंतरिक रोगी विभाग) शुरू करने का लक्ष्य है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराया जाएगा। इसके अलावा फार्मेसी, नॄसग और चिकित्सा परास्नाक की पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी। एमबीबीएस की पढ़ाई जारी है लेकिन इस वर्ष 75 सीटें और मिली हैं। नए सत्र से यहां 125 एमबीबीएस छात्र पढ़ेंगे। अभी गोरखपुर में उच्च चिकित्सा संस्थान के रूप में केवल बाबा राघव दास मेडिकल कालेज ही है। 

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पूर्वांचलवासियों के जीवनरक्षा का केंद्र कहे जाने वाले एम्स में अभी केवल ओपीडी चलती है। पहले अगस्त 2020 तक आइपीडी शुरू करने का लक्ष्य था लेकिन कोरोना के कारण निर्माण कार्य बंद हो गए थे। अब फिर से काम शुरू हो गया है। 14 ओटी बन चुके हैं। ओपीडी में सीटी-एमआरआइ मशीन लगाई जा चुकी है। कार्यदायी संस्था मई 2021 तक अस्पताल का काम पूराकर एम्स को सौंप देगी। पहले इमरजेंसी व ओटी (आपरेशन थियेटर) शुरू होंगे। इससे पूर्वांचल, बिहार व नेपाल के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। अभी गंभीर हालत के मरीजों को लखनऊ रेफर करना पड़ता है। एम्स में कुल 750 बेड का अस्पताल प्रस्तावित है, जिसके दिसंबर तक पूरी होने की संभावना है।

पूर्वांचल की बीमारियों पर होगा शोध

वैक्सीन का ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है। मनुष्य पर इसका क्या प्रभाव होगा, एम्स अध्ययन करेगा। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने इसकी अनुमति दे दी है। एम्स ने पूर्वांचल की बीमारियों की रोकथाम के लिए मास्टर प्लान भी लगभग तैयार कर लिया है। शासन से अनुमति के बाद पूर्वांचल के 28 जिलों की प्रमुख बीमारियों- इंसेफ्लाइटिस, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार, डेंगू के अलावा मातृ-शिशु मृत्यु के कारणों की पड़ताल कर उसकी रोकथाम के उपाय किए जाएंगे। एम्‍स की निदेशक डा. सुरेखा किशोर का कहना है कि पीजी, फार्मेसी व नर्सिंग की पढ़ाई नए साल में शुरू करने की तैयारियां चल रही हैं। अभी ओपीडी में मरीज देखे जा रहे हैं। इस साल से मरीजों की भर्ती भी शुरू हो जाएगी। कोशिश है कि पूरी क्षमता के साथ एम्स इस वर्ष कार्य शुरू कर दे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिया है कि पूर्ण विकसित एम्स का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराया जाएगा।


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