Coronavirus Lockdown : मस्जिदों से होगी अजान, घर में पढ़ेंगे जुमे की नमाज Gorakhpur News
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए शहर की मस्जिदों में इस शुक्रवार भी सामूहिक नमाज नहीं होगी। लोगों को घर पर ही नमाज अदा करने के लिए कहा गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए शहर की मस्जिदों में इस शुक्रवार भी सामूहिक नमाज नहीं होगी। लोगों को घर पर ही नमाज अदा करने के लिए कहा गया है। जुमे को होने वाली सामूहिक नमाज में सिर्फ तीन से चार लोग ही शामिल होंगे। लोगों को जागरूक करने के लिए न सिर्फ मस्जिदों पर नोटिस लगाया गया है बल्कि बार-बार एलान भी किया जा रहा है।
प्रमुख मस्जिदों के बाहर पुलिस फोर्स तैनात
शहर की दो सौ से ज्यादा मस्जिदों में पहले से तय वक्त पर ही जुमे की नमाज के लिए अजान होगी, लेकिन लोग घर में ही जोहर की नमाज अदा करेंगे। क्योंकि जुमे की नमाज घर पर नहीं हो सकती। मस्जिद में पेशइमाम, मुअज्जिन (अजान देने वाला) और खादिम ही जमात के साथ नमाज पढ़ेंगे। उनके अलावा किसी को भी मस्जिद में जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। लोगों को रोकने के लिए प्रमुख मस्जिदों के बाहर पुलिस भी मौजूद रहेगी। मौलाना इकरार अहमद ने कहा कि हालात को देखते हुए लॉकडाडन का पूरी तरह पालन करें और घर में रहकर न सिर्फ नमाज पढ़ें बल्कि कोरोना वायरस के खात्मे की दुआ भी मांगे। थोड़ी सी लापरवाही भी लोगों को खतरे में डाल सकती है।
हवन कर श्रद्घालुओं ने की कोरोना के खत्म होने की प्रार्थना
वासंतिक नवरात्र के अंतिम दिन गुरुवार को घरों में हवन-पूजन से भक्तिमय माहौल था। श्रद्धालुओं ने भगवान राम व मां दुर्गा की पूजा-अर्चना व हवन कर कोरोना के खत्म होने की प्रार्थना की। बिना पुरोहित के स्वयं हवन किया और यह कोशिश की कि पूजा में परिवार के सदस्य शारीरिक दूरी बनाए रखें।
घरों में की गई विधि-विधान से पूजा
घरों व भक्तिमय माहौल था। मां दुर्गा के साथ ही भगवान राम की विधि-विधान से पूजा की गई। महिलाएं आधी रात के बाद से ही रामनवमी पूजा की तैयारी शुरू कर दीं। भोर में कड़ाही चढ़ाकर भगवान राम की पूजा की और धार देकर मां दुर्गा के प्रति आस्था अर्पित की। सुबह घर के सभी सदस्यों में पूड़ी-हलवा का प्रसाद वितरित किया गया। घर में मां की पूजा-अर्चना कर श्रद्धालुओं ने उनके चरणों में आस्था व श्रद्धा निवेदित की।
ज्यादातर जगहों पर एक व्यक्ति ने ही पूजा की। जहां एक से अधिक लोग थे, उनके बीच डेढ़-दो मीटर की दूरी रखी गई थी। अनेक घरों व मंदिरों में कन्या पूजन को इस बार टाल दिया गया और मां की पूजा कर उनसे समाज व राष्ट्र के सुख-समृद्धि की कामना की गई। जिन घरों में कन्या पूजन हुआ भी, वहां घर या पड़ोस की केवल एक कन्या का पूजन किया गया, वह भी दूर से।