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गांवों में ठोस एवं तरल कचरे के प्रबंधन की होगी पुख्ता व्यवस्था, तैयार किया जाएगा डाटा बैंक

जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने बताया कि कचरा प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा ताकि लोगों के घरों से निकलने वाले जल का निस्तारण किया जा सके। उसे दोबारा प्रयोग में लाने के योग्य बनाने की संभावना भी तलाश की जाएगी।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 09:40 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 11:56 AM (IST)
गांवों में ठोस एवं तरल कचरे के प्रबंधन की होगी पुख्ता व्यवस्था, तैयार किया जाएगा डाटा बैंक
स्‍वच्‍छ भारत योजना का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। केंद्र सरकार की ओर से चार मार्च से शुरू हुए स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे चरण को जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी गई है। जिन घरों में शौचालय नहीं है, वहां शौचालय बनवाने के साथ ही गांवों में ठोस एवं तरल कचरे के प्रबंधन का पुख्ता इंतजाम किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही सर्वेक्षण कराकर डाटा बैंक तैयार किया जाएगा। कोशिश होगी कि इस कचरे का उपयोग खाद बनाने में किया जाए।

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जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने बताया कि कचरा प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा ताकि लोगों के घरों से निकलने वाले जल का निस्तारण किया जा सके। उसे दोबारा प्रयोग में लाने के योग्य बनाने की संभावना भी तलाश की जाएगी। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण द्वितीय के अंतर्गत निर्मित सामुदायिक परिसंपत्तियों के बारे में विवरण भारत सरकार की ओर से विकसित किए गए मोबाइल एप पर उपलब्ध होगा। व्यक्तिगत शौचालयों के लिए पात्र व्यक्तियों का विवरण भारत सरकार की वेबसाइट पर ही अपलोड किया जाएगा। दूसरे चरण में यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई परिवार ऐसा न हो जिसके घर में शौचालय न हो। यह चरण 2020-2021 से 2024-2025 तक मिशन मोड में लागू किया जाएगा।


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