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गोरखपुर में सब्जी विक्रेता की हत्या मामले में नया मोड़, बैंकाक से आए युवक पर पुल‍िस की नजर

Murder in Gorakhpur गोरखपुर के बड़हलगंज में सब्जी विक्रेता की हत्या में बैंकाक से आए युवक की हत्या की बात सामने आई है। पुलिस की पांच टीमें उसकी तलाश कर रही हैं। बीते दिनों सब्जी विक्रेता की गोली मारकर हत्या की गई थी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 08:20 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 02:58 PM (IST)
गोरखपुर में सब्जी विक्रेता की हत्या मामले में नया मोड़, बैंकाक से आए युवक पर पुल‍िस की नजर
गोरखपुर में सब्जी विक्रेता की हत्या में बैंकाक से आए युवक का हाथ सामने आ रहा है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। सब्जी विक्रेता राजेंद्र दूबे की हत्या के मामले में पुलिस को 10 दिन पहले बैंकाक से आए युवक की तलाश है।घटना के बाद से ही वह परिवार के साथ लापता है।क्राइम ब्रांच के साथ ही बड़हलगंज थाना पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है।घटना से जुड़े अन्य पहलुओं की भी पुलिस जांच कर रही है।

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10 दिन पहले घर आने, घटना के बाद परिवार समेत गायब होने की सूचना

शनिचरा गांव के रहने वाले राजेंद्र दूबे की शुक्रवार की सुबह बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी।घटना का पर्दाफाश करने के लिए एसएसपी ने एसपी साउथ की अगुवाई में पुलिस की पांच टीम गठित की है।अब तक की छानबीन में पता चला है कि बैंकाक में रहने वाला एक व्यक्ति 10 दिन पहले घर आया था। घटना के बाद से वह परिवार समेत लापता है।पुलिस को संदेह है कि सब्जी विक्रेता की हत्या की साजिश में वह शामिल हो सकता है।पेशेवर बदमाशों को सुपारी देकर उसने ही वारदात कराई है।गुत्थी को सुलझाने के लिए अब तक 10 से अधिक लोगों से पुलिस पूछताछ कर चुकी है। एसएसपी डा. विपिन ताडा ने बताया कि छानबीन में कई महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है। जल्द ही घटना का पर्दाफाश किया जाएगा।

पुलिस की मौजूदगी में हुआ दाह संस्कार

राजेंद्र के हत्या के बाद शुक्रवार की देर रात पोस्टमार्टम से शव घर पहुंचा।शनिवार की सुबह पुलिस की मौजूदगी में बड़हलगंज मुक्तिपथ पर दाहसंस्कार हुआ। मुखाग्नि बेटे प्रियांशु ने दी।रात को शव घर पहुंचते ही राजेंद्र का परिवार के साथ ही पूरा गांव रो पड़ा था।

36 वर्ष पूर्व हुई थी रामदेव की हत्या

1986 में क्षेत्र के कल्यानपुर निवासी रामदेव यादव की जमीनी विवाद में बल्लम गोदकर हत्या हुई थी। जिसमें हरिनाथ यादव की तहरीर पर चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। सभी लोग जेल भी गए थे। वर्तमान में सभी आरोपितों की मौत हो चुकी है लेकिन इस मामले आरोपित मृतक राजेंद्र दुबे 1990 में कोर्ट से साक्ष्य के अभाव में बरी हो गए थे तभी से आर्थिक तंगी ते चलते गांव-गांव घूमकर सब्जी बेचकर जीवनयापन करते थे। पुलिस को शक है कि कहीं उस हत्या का बदला लेने के लिए ही तो राजेंद्र की हत्या नहीं की गई है ?

रामदेव का बेटा बैंकाक तो भतीजा कोरिया में

36 वर्ष पूर्व जिस रामदेव यादव की हत्या हुई थी उसके दो बेटे बैंकाक में हैं तो एक भतीजा कोरिया में है। अभी दो माह पूर्व रामदेव का एक पुत्र बैंकाक से घर आया था और गांव में अवैध असलहा लेकर घूम रहा था। अब पुलिस यह भी पता लगा रही है कि कहीं राजेंद्र की हत्या का तार बैंकाक से तो नहीं जुड़ा है।


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