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CAA Protest in Gorakhpur : गोरखपुर में काली पट्टी बांध नमाज में शामिल युवकों ने बिगाड़ा था माहौल Gorakhpur News

सुबह से ही वे एक-दूसरे के हाथ में काली पट्टी बांध रहे थे। जुमे की नमाज के बाद उन्हीं युवकों के सरकार विरोधी नारे लगाते हुए जुलूस निकालने की वजह से माहौल बिगड़ा।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 12:40 PM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 12:46 PM (IST)
CAA Protest in Gorakhpur : गोरखपुर में काली पट्टी बांध नमाज में शामिल युवकों ने बिगाड़ा था माहौल Gorakhpur News
CAA Protest in Gorakhpur : गोरखपुर में काली पट्टी बांध नमाज में शामिल युवकों ने बिगाड़ा था माहौल Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शुक्रवार को विवाद होने की आशंका पुलिस को पहले से थी। इसीलिए पहले से ही संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनात कर दी गई थी। पुलिस सड़कों पर पहरा दे रही थी और अंदरूनी हिस्सों में कुछ असामाजिक तत्व माहौल खराब करने का कुचक्र रच रहे थे। शाहमारूफ इलाके में युवकों का एक समूह कुछ अधिक ही सक्रिय था। सुबह से ही वे एक-दूसरे के हाथ में काली पट्टी बांध रहे थे। जुमे की नमाज के बाद उन्हीं युवकों के सरकार विरोधी नारे लगाते हुए जुलूस निकालने की वजह एक बार माहौल बिगड़ा तो बिगड़ता ही चला गया।

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मकसद में कामयाब रहे उपद्रवी

शहर का एक तबका नागरिकता संशोधन अधिनियम लाए जाने के बाद से ही इसके विरोध में मुखर है। कानून बनने के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इसके विरोध में नगर निगम स्थित रानी लक्ष्मीबाई पार्क में गुरुवार को प्रदर्शन भी किया था, गिरफ्तारी भी दी थी। शुक्रवार को भी इसके विरोध में प्रदर्शन होने की आशंका थी, इसीलिए पुलिस पहले से सतर्क थी। इसके बावजूद उपद्रवी अपने मंसूबे में कामयाब हो गए और शहर का माहौल खराब कर दिया।

जामा मस्जिद के सामने सुबह से ही जुटने लगे थे लोग

काफी घनी आबादी में स्थित जामा मस्जिद के सामने सुबह से लोग जुटने लगे थे। आपसी बातचीत में वे सीएए को लेकर सरकार के विरोध में काफी तीखी व अभद्र टिप्पणी कर रहे थे। इस दौरान कुछ युवक शाहमारूफ रोड की दुकानें बंद करा रहे थे और लोगों को काली पट्टी बांधकर विरोध में शामिल होने के लिए उकसा भी रहे थे। या तो पुलिस को इसकी भनक नहीं लग पाई या फिर युवकों की इस हरकत को उसने गंभीरता से नहीं लिया। जिसकी वजह से जुमे की नमाज के बाद अचानक हालात बेकाबू हो गए।

दूसरी मस्जिदों में पहले ही खत्म हो गई थी नमाज

कोतवाली और राजघाट इलाके की अन्य मस्जिदों में डेढ़ बजे के पहले ही दिन की नमाज खत्म हो गई थी। डेढ़ बजे से जामा मस्जिद में नमाज पढ़ी जाती है। दूसरी मस्जिदों में पहले ही नमाज अदा कर चुके लोग, खासकर युवा, बड़ी संख्या में जामा मस्जिद में नमाज खत्म होने से पहले आसपास और शाहमारूफ इलाके में एकत्र हो गए थे। नमाज खत्म होने के बाद निकाले गए जुलूस में वे भी शामिल हो गए।

नमाज के पहले ही उपद्रवियों ने बंद करा दी थीं रेती और शाहमारूफ की दुकानें

सुबह से ही शाहमारूफ, रेती, घंटाघर क्षेत्र की अधिकतर दुकानें बंद रखी गईं। कुछ दुकानें खुलीं भी तो युवकों के समूह ने उन्हें बंद करा दिया। दोपहर बाद हंगामा होने पर राजघाट व कोतवाली क्षेत्र की दुकानों के शटर भी धड़ाधड़ गिरने लगे। जुमे की नमाज होने के कारण प्रशासन ने सतर्कता बरती थी। मस्जिदों के आसपास पर्याप्त सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। मुस्लिम समाज के अधिकतर लोगों ने दुकानें सुबह से ही बंद रखी थीं। दुकानें बंद होने व युवकों की ओर से हाथ पर काली पट्टी बांधने से बवाल की आशंका जताई जा रही थी। नमाज होने तक सबकुछ शांत रहा। घंटाघर क्षेत्र में कुछ दुकानें नमाज के समय तक खुली रहीं। जामा मस्जिद में नमाज के बाद निकले युवकों ने जब नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला तो भी कई दुकानें खुली थीं। लेकिन दो बजे के बाद जैसे ही पत्थरबाजी शुरू हुई, यह सूचना जंगल में आग की तरह फैल गई। घंटाघर क्षेत्र की दुकानें तो बंद हुई हीं, आसपास काफी दूर तक व्यापारियों ने दुकान बंद करने में भलाई समझी। उधर से लोगों का आना-जाना भी बंद हो गया। बाद में दूर के क्षेत्रों में प्रशासन की ओर से कुछ दुकानें खुलवाई गईं।  


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