पूरा होने वाला है रामगढ़ ताल के सुंदरीकरण का कार्य, जीडीए करेगा रख-रखाव Gorakhpur News
गोरखपुर में रामगढ़ ताल परियोजना के सुंदरीकरण का काम जल निगम द्वारा कराया गया है। अभी ताल की सफाई की व्यवस्था भी यही विभाग देखता है। पर अब जल निगम का सीधा हस्तक्षेप समाप्त कर ताल की सफाई व देखरेख का जिम्मा जीडीए को दिया गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। रामगढ़ताल के सुंदरीकरण से जुड़े कार्य जल्द ही पूरा होने वाले हैं। ये काम पूरा होने के बाद ताल एवं उससे जुड़ी परियोजनाओं के संचालन एवं रख-रखाव की जिम्मेदारी गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) को दी जाएगी। इस पर होने वाले खर्च के लिए आय अर्जित करने को रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) बनाया जाएगा। इस प्रक्रिया में करीब छह से आठ महीने लग सकते हैं, तब तक कुछ विभागों की अलग-अलग जिम्मेदारी तय की गई है।
विकास कार्य पूरा होने पर कार्यदायी संस्था करेगी हस्तांतरित
रामगढ़ताल परियोजना के सुंदरीकरण का काम जल निगम द्वारा कराया गया है। अभी ताल की सफाई की व्यवस्था भी यही विभाग देखता है। पर, अब जल निगम का सीधा हस्तक्षेप समाप्त कर दिया जाएगा। जीडीए को हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी होने तक ताल की सफाई व देखरेख का जिम्मा जीडीए को दिया गया है। इसके अलावा ताल के किनारे नया सवेरा योजना के तहत बनी जेट्टी पर साफ-सफाई व स्ट्रीट लाइटों के अनुरक्षण की जिम्मेदारी नगर निगम को सौंपी गई है। दोनों कार्यों में जो खर्च आएगा, उसमें पर्यटन निगम वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगा।
आय का खोजा जाएगा रास्ता
आरएफपी में इस बात का सुझाव दिया जाएगा कि रामगढ़ताल में किस तरह से आय अर्जित की जा सकती है। ताल में होने वाली मनोरंजन से जुड़ी गतिविधियों व अन्य माध्यमों से होने वाली आय जीडीए को मिलेगी और इसी से पूरी योजना का रख-रखाव किया जाएगा। आरएफपी तैयार करने की दिशा में भी काम शुरू कर दिया गया है।
अंतिम चरण में है प्रेक्षागृह का निर्माण
रामगढ़ताल क्षेत्र में बन रहे प्रेक्षागृह का निर्माण कार्य भी अंतिम चरण में है। निर्माण पूरा हो जाने के बाद इसके संचालन व रख-रखाव की जिम्मेदारी भी जीडीए को मिलने की उम्मीद है। रंगमंच के कलाकारों की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेक्षागृह के निर्माण को हरी झंडी दी थी। जिस समय प्रेक्षागृह खाली रहेगा, उस समय उसे फिल्मों की शूटिंग के लिए भी दिया जा सकता है।
रामगढ़ताल व उससे जुड़ी परियोजनाओं के संचालन एवं रख-रखाव की जिम्मेदारी जीडीए को मिलेगी। हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी होने तक नगर निगम भी इसमें सहयोग करेगा और पर्यटन निगम वित्तीय मदद करेगा। पूरी योजना के संचालन को लेकर आरएफपी भी तैयार की जाएगी। - अनुज सिंह, उपाध्यक्ष जीडीए।