छेड़खानी का विरोध करने पर सिपाही पुत्रों ने की थी हत्या, अब दर्ज हुआ हत्या का केस Gorakhpur News
चौरीचौरा के टेल्हनापार गांव में आठ मई को सिपाही भाइयों के पुत्रों ने छेडख़ानी का विरोध करने पर आशा देवी की ईंट से कूंच कर अधमरा कर दिया था। मेडिकल कॉलेज में उनकी मौत हो गई।
गोरखपुर, जेएनएन। ब्यूटी पार्लर संचालिका आशा देवी हत्याकांड में सीओ चौरीचौरा ने गैर इरादतन हत्या की धारा को हत्या में तरमीम कर दिया। छेडख़ानी और पाक्सो एक्ट की धारा मजिस्ट्रेट के सामने किशोरी का बयान होने के बाद बढ़ाया जाएगा। जाम लगाकर लॉकडाउन का उल्लंघन किए जाने के मामले में दर्ज हुए मुकदमें की भी सीओ मॉनीटरिंग कर रही हैं। घटना में शामिल अन्य हत्यारोपितों की तलाश चल रही है।
गैर इरादतन हत्या का दर्ज था मुकदमा
चौरीचौरा के टेल्हनापार गांव में आठ मई को सिपाही भाइयों के पुत्रों ने छेडख़ानी का विरोध करने पर आशा देवी की ईंट से कूंच कर अधमरा कर दिया था। मेडिकल कॉलेज में आशा देवी ने दम तोड़ दिया था।
सिपाही पुत्र और पत्नी हुए थे गिरफ्तार
आरोपितों पर गैर इरादतन हत्या और दलित उत्पीडऩ का केस दर्ज किया गया था। मामले में पुलिस ने सिपाही पुत्र और पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं अन्य आरोपित फरार हैं। लॉकडाउन के उल्लंघन में प्रभारी निरीक्षक की तहरीर पर जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज है, उस पर भी सवाल खड़ा हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ लोगों के नाम गलत तरीके से दर्ज किए गए हैं। सीओ चौरीचौरा रचना मिश्रा ने बताया कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
दुष्कर्म के आरोपित की जमानत अर्जी खारिज
चिलुआताल क्षेत्र के बरगदवा निवासी दुष्कर्म के आरोपित सुनील पांडेय की जमानत अर्जी खारिज हो गई है। विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट पवन कुमार तिवारी की कोर्ट में उसने जमानत के लिए अर्जी दी थी। दुष्कर्म की घटना 10 सितंबर 2019 को हुई थी। चिलुआताल इलाके में लोगों के घरों में चौका-बर्तन करने वाली महिला ने सुनील पांडेय पर दुष्कर्म करने और उसके भाई पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपित की जमानत अर्जी पर अदालत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की।