Coronavirus in Gorakhpur: होम योग शिविर में पूरा परिवार कर रहा प्राणायाम, बच्चे से लेकर बड़े-बजुर्ग तक हो रहे शामिल
योग प्रशिक्षक आरपी यादव सामान्य तौर पर तो पंत पार्क में योग का प्रशिक्षण देते हैं लेकिन आज की परिस्थिति में वह अपने आजाद चैक स्थित घर के लान में ही अपनी आसनी जमा रहे। इस समय उनके शिष्यों में पत्नी बेटे बहु और पोते-पोतियां शामिल हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। यूं तो स्वास्थ्य की दुरुस्तगी में योग की भूमिका से सभी वाकिफ हैं लेकिन कोरोना संक्रमण ने इसकी उपयोगिता और महत्व को और बढ़ा दिया है। नतीजनत जो लोग योजना बनाकर भी योग नहीं कर पाते थे, वह भी इस समय इसे लेकर बेहद संजीदा हैं। बहुत से लोग तो परिवार सहित योग को लेकर इस कदर प्रतिबद्ध हो गए हैं कि उनके घर में सुबह-शाम बाकायदा योग का होम शिविर लग रहा है।
बच्चे से लेकर बड़े-बजुर्ग तक हुए योग को लेकर संजीदा
होम शिविर में परिवार के बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग तक एक-साथ योग कर रहे और एक-दूसरे को इसके लिए प्रोत्साहित कर रहे। यही नहीं होम शिविर में भी अन्य योग शिविरों की तरह अनुशासन बना रहे, इसके लिए परिवार में जिन्हें योग की जानकारी अधिक है, वह प्रशिक्षक की भूमिका में निभा रहे। ऐसे परिवार के सभी सदस्यों का एक स्वर से कहना है कि जब चिकित्सक भी कोरोना संक्रमण से बचने और उससे उबरने के लिए योग की सलाह दे रहे हैं तो इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। अभिभावक यह देखकर खुश हैं कि बच्चे भी अब योग को गंभीरता को समझ रहे। उनका कहना है कि जबतक बच्चों के टीकाकरण की शुरुआत नहीं हो जाती, तबतक उनके लिए योग ही टीका है। ऐसे परिवारों के सभी सदस्यों कहना है कि नियमित योग करने से उन्हें अपने शरीर में अधिक ऊर्जा का अहसास हो रहा है। सांस लेने की सहजता भी बढ़ी है।
अब हो गए नियमित
शेषपुर के रहने वाले नवनीत श्रीवास्तव बताते हैं कि यूं तो उनका पूरा परिवार अनुलोम-विलोम और कपालभाती करता रहा है लेकिन कोई भी इसे लेकर नियमित नहीं थी। जब से कोराना संक्रमण की दूसरी स्ट्रेन आई है, सभी नियमित हो गए हैं। यहां तक कि ब'चे भी इसमें खूब रुचि दिखा रहे हैं। नियमितता बनी रहे, इसके लिए सभी एक-साथ छत पर बैठकर सुबह-शाम योग करते हैं। योग से सभी ने कम समय में अपनी शरीर में स्वास्थ्य की ²ष्टि से सकारात्मक बदलाव महसूस किया है।
आक्सीजन के लिए योग तो करना ही पड़ेगा
योग प्रशिक्षक आरपी यादव सामान्य तौर पर तो पंत पार्क में योग का प्रशिक्षण देते हैं लेकिन आज की परिस्थिति में वह अपने आजाद चैक स्थित घर के लान में ही अपनी आसनी जमा रहे। इस समय उनके शिष्यों में पत्नी, बेटे, बहु और पोते-पोतियां शामिल हैं। कहते हैं कि शरीर में आवश्यक मात्रा में आक्सीजन चाहिए तो योग करना ही होगा। वह परिवार के लोगों प्रतिदिन सुबह-शाम भस्तिका, कपालभाती, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी करा रहे हैं, सभी को ऐसा करने की आनलाइन सलाह भी दे रहे।