व्यापारी बोले, महाराष्ट्र में छूट तो हमें क्यों नहीं
जागरण संवाददाता, गोरखपुर: ई वे बिल की खामियों पर व्यापारियों ने एक बार फिर सरकार का ध्यान
जागरण संवाददाता, गोरखपुर: ई वे बिल की खामियों पर व्यापारियों ने एक बार फिर सरकार का ध्यान खींचा है। व्यापारी महाराष्ट्र की तर्ज पर ई वे बिल की व्यवस्था प्रदेश में भी लागू करने की मांग कर रहे हैं।
सोमवार को थोक वस्त्र व्यवसायी वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष राजेश नेभानी के नेतृत्व में व्यापारियों ने डीएम के विजयेंद्र पांडियन से मुलाकात की। उन्हें बताया कि महाराष्ट्र में ई वे बिल की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख कर दी गई है। साथ ही 100 किमी. के दायरे में ई वे बिल की अनिवार्यता भी खत्म कर दी गई है, लेकिन प्रदेश में अब भी 50 हजार रुपये का नियम लागू है।
सबसे गंभीर बात यह कि गोदाम से माल शोरूम तक भेजने में भी ई वे बिल मांगा जा रहा है। इससे व्यापारियों को बेवजह कागजी खानापूर्ति में समय बर्बाद करना पड़ रहा है।
सीएम को संबोधित ज्ञापन में व्यापारियों ने ई वे बिल पर माल की लिमिट 50 हजार से बढ़ाकर डेढ़ लाख करने, ई वे बिल पार्ट बी न भरा होने के बाद भी जुर्माना न लगाने की मांग की। कहा कि पार्ट बी को लेकर व्यापारी और ट्रांसपोर्टर के बीच हमेशा टकराव की स्थिति बनी रहती है। नियमानुसार पार्ट बी ट्रांसपोर्टर को भरना है, लेकिन यदि उन्होंने इसे नहीं भरा तो जुर्माना व्यापारी से वसूला जाता है। इस कारण आए दिन व्यापारियों को ई वे बिल पार्ट ए जेनरेट करने के बाद भी पार्ट बी न भरा होने के कारण जुर्माना भरना पड़ रहा है।
इस दौरान महामंत्री सुभाष अग्रवाल, उपाध्यक्ष मनीष सर्राफ, चंद्रकेश निगम, अनूप गोयल, सचिव संजय अग्रवाल, संगठन मंत्री रोहित अग्रवाल आदि मौजूद रहे।