शासन ने छोटे बच्चों के भी स्कूल खुलने पर मध्याह्न भोजन के मानकों की जांच करेगी टास्क फोर्स
शासन ने छोटे बच्चों के भी विद्यालय खोलने का आदेश दिया है। साथ ही विद्यालय खुलने से पहले कोविड से बचाव के सारे प्रबंध करने की हिदायत भी दी है। विद्यालयों में मध्याह्न भोजन वितरण की जांच के लिए टास्क फोर्स गठित की जाएगी।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। स्कूल खुलने पर बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन बनाने के निर्देश के साथ ही शासन ने साफ-सफाई व मानकों का ध्यान रखने भी हिदायत दी है। बच्चों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए स्पष्ट किया गया है कि जिला व ब्लाक स्तर पर गठित टास्क फोर्स के सदस्य प्रतिदिन मध्याह्न भोजन के मानकों की जांच करेंगे। साथ ही भोजन का वितरण शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए करने की व्यवस्था विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष व शिक्षकों को करनी होगी। बच्चों को भोजन कराने से लेकर वितरण तक में भी एक निश्चित अंतराल का पालन करना होगा, जिससे वह सुरक्षित रह सकें।
1052 विद्यालय में 2734 रसोइया बनाते हैं भोजन
वर्तमान में जनपद में छह से आठ तक के 1052 विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना संचालित हैं। स्कूल खुलने पर इन विद्यालयों में भोजन बनाने की जिम्मेदारी 2734 रसोइयों पर होगी। खाद्यान्न व्यवस्था के तहत प्रथम व द्वितीय पाली में उपस्थित छात्र संख्या के आधार पर विद्यालयों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा। नगरीय क्षेत्र व चरगांवा में दो संकुल स्थित विद्यालयों की व्यवस्था अक्षय पात्र फाउंडेशन करेगा। जबकि चरगांवा विकास खंड के शेष विद्यालयों में यह व्यवस्था विद्यालय प्रबंध समिति करेगी।
रखना होगा इन बातों का रखना होगा ध्यान
बर्तनों व खाद्यान्न को इस्तेमाल करने से पूर्व अच्छी तरह से साफ करना होगा। बच्चों को पंक्तिबद्ध रूप में निर्धारित दूरी रखते हुए उनके हाथों को साबुन से धुलवाना होगा। बच्चों को हाथ किसी कपड़े से पोंछने की बजाय हवा में सुखाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। भोजन के पूर्व एवं पश्चात हाथ धुलने के समय छह फीट की दूरी का अनिवार्य रूप में अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।
कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए दिया जाएगा भोजन
मध्याह्न भोजन के जिला समन्वयक दीपक पटेल बताते हैं कि शासन के निर्देश के क्रम में 23 अगस्त से कक्षा छह से आठवीं तक के विद्यालयों के खुलने पर कोविड गाइड लाइन के तहत मध्याह्न भोजन बनाए जाने को लेकर सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। मध्याह्न भोजन वितरण की सूचना प्रत्येक कार्य दिवस में आइवीआरएस प्रणाली के जरिए स्कूलों को देनी होगी। जिसके आधार पर समीक्षा कर संबंधित के विरुद्ध उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जाएगा।