अफसर व उनके कार्यालयों की सुरक्षा सख्त, सार्वजनिक स्थलों पर नहीं है नजर
अधिकारियों के कार्यालय व उनके कक्ष सीसीटीवी कैमरों से लैस हैं लेकिन सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा पर अधिकारियों का ध्यान नहीं है।
गोरखपुर, (जेएनएन)। पार्कों में कैमरे नहीं लगे हैं, चौराहों पर लगे भी हैं तो वह खराब हैं, लेकिन सभी सरकारी दफ्तरों में कैमरे लगे भी हैं और वह काम भी कर रहे हैं। शहर में लगभग सभी प्रमुख कार्यालयों में अफसरों के कक्ष और उनका दफ्तर ही नहीं पूरा परिसर सीसीटीवी कैमरे की नजर में है। यहां काम करने वाले कर्मचारियों से लेकर आने वाले फरियादियों तक पर खुफिया नजर रखी जा रही है। जितनी मुस्तैदी से यहां सीसीटीवी कैमरे के इंतजाम किए गए हैं, सार्वजनिक जगहों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी वैसा हो सके तो निसंदेह उचक्कों, मनचलों के साथ चोर, लुटेरों पर भी पैनी नजर रखी जा सकेगी।
कलेक्ट्रेट-विकास भवन
कलेक्ट्रेट कार्यालय पूरी तरह सीसीटीवी कैमरे की नजर में है। एक दर्जनभर कैमरे न केवल कार्यालय बल्कि पूरे परिसर पर नजर रखते हैं। इसकी मॉनीटरिंग जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन के कक्ष से होती है। सीडीओ अनुज सिंह का विकास भवन परिसर भी कैमरे की नजर में है। डीपीआरओ हिमांशु शेखर के कमरे में भी कैमरे से पूरे परिसर की निगरानी की जाती है।
पुलिस कार्यालय परिसर
कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित एसएसपी शलभ माथुर का पुलिस कार्यालय भी पूरी तरह कैमरे की नजरों में है। पुलिस अधिकारियों के चैंबर से लेकर, फरियादियों के बैठने की जगह की निगरानी कैमरों से होती है। एसएसपी दफ्तर के लगभग सभी दरवाजों पर कैमरे लगे हैं, जिसकी निगरानी एसएसपी अपने कार्यालय से करते हैं।
शिक्षा विभाग
बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा कार्यालय में कैमरों से नजर रखी जा रही है। संयुक्त शिक्षा निदेशक एवं जिला विद्यालय निरीक्षक के कमरे में लगे मॉनीटर में पूरे कार्यालय एवं परिसर की रिकॉर्डिंग देखी जा सकती है। बीएसए कार्यालय में नौ कैमरे लगे हैं। विभाग में आने वाले हर व्यक्ति बीएसए के कमरे में लगे मॉनीटर पर देखा जा सकता है।
नगर निगम
नगर निगम परिसर में 16 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। नगर आयुक्त, चीफ इंजीनियर और महापौर कार्यालय के अलावा निगम के दोनों गेट, गैलरी, कैश काउंटर हाल, उपसभापति कार्यालय के सामने, पोर्टगो और सदन हॉल में कैमरे लगे हैं। नगर आयुक्त के कार्यालय में लगे स्क्रीन पर गतिविधियां देखी जाती है। हाई डिस्क में 15 दिनों की रिकार्डिंग सुरक्षित रहती है।
रेलवे स्टेशन
गोरखपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म और परिसर में मिलाकर सौ से अधिक कैमरे लगाए गए हैं। यह सभी कैमरे चलती हालत में हैं, जिनके जरिए स्टेशन परिसर से लेकर ट्रेनों की सुरक्षा और साफ सफाई की निगरानी की जाती है। संदिग्ध हालत में बैठे लोगों पर भी कैमरे की लगातार नजर रहती है। सभी कैमरों की मॉनीटङ्क्षरग आरपीएफ पोस्ट के पास निर्मित विशेष कक्ष से होती है।
विश्वविद्यालय परिसर
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का पूरा परिसर सीसीटीवी कैमरे की नजर में है। कुलपति, रजिस्ट्रार और परीक्षा नियंत्रक के कक्ष से लगायत पूरा प्रशासनिक भवन कैमरे की नजर में है। यही नहीं विश्वविद्यालय का शैक्षणिक परिसर भी कैमरे की नजर में है। दीक्षा भवन के हाल में सीसीटीवी कैमरा लगा है, जबकि संकायों के बाहर भी कैमरे से छात्र-छात्राओं पर नजर रखी जाती है।
जिला अस्पताल व महिला अस्पताल
जिला व महिला अस्पताल परिसर कैमरे की जद में हैं। इमरजेंसी के बाहर, ओपीडी के साथ तकरीबन उन सभी जगहों पर कैमरे हैं, जहां पर मरीजों व तीमारदारों की भीड़ रहती है। खुद प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक उन पर लगातार नजर रखे रहते हैं। हां, सीएमओ आफिस में अभी कैमरे नहीं लग पाए हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हाल में हुई मारपीट की घटना के बाद इमरजेंसी में कैमरे लगाए गए हैं। आगे चलकर अन्य स्थानों पर भी कैमरे लगवाने की तैयारी है।