लोकसभा चुनाव 2019 : गोरखपुर-बस्ती मंडल की नौ सीटों का हाल, जानें- क्या है टिकट का गणित
पूर्वांचल की नौ लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करने के लिए सभी पार्टियां एक दूसरे की प्रतीक्षा कर रही हैं। इन नौ सीटों पर अभी तक किसी प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई है।
गोरखपुर, जेएनएन। चुनावी समर में राजनीतिक दलों ने अपनी स्थिति और भूमिका तय कर दी है, इंतजार है तो बस योद्धाओं का। योद्धा उतारने के लिए दल एक दूसरे की काट ढूंढ रहे हैं। भाजपा इसमें सपा-बसपा गठबंधन की काट ढूंढ रही है तो कुछ सीटों पर वह कांग्रेस की रणनीति समझने की कोशिश में है। तीन सीटों को छोड़ दें तो कांग्रेस भी गोरखपुर-बस्ती मंडल में छह सीटों पर विरोधियों की चाल देखकर ही अपना मोहरा उतारने की कवायद में जुटी है। गोरखपुर-बस्ती मंडल में लोकसभा की नौ सीटों में से भाजपा ने अभी तक किसी भी सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। जहां तक बात सपा-बसपा गठबंधन की है, दोनों दलों ने सीटों का बंटवारा कर लिया है लेकिन प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। बसपा ने लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी तय कर लिया है लेकिन सपा ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं।
गोरखपुर लोकसभा सीट
भाजपा : इस प्रतिष्ठित सीट पर पिछला उपचुनाव हारने के बाद भाजपा फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। प्रत्याशी अगड़ा हो या पिछड़ा इस पर चिंतन जारी है।
गठबंधन : गठबंधन में यह सीट सपा के पास है और उप चुनाव में प्रवीण निषाद यहां से जीते हैं, इसलिए इनके नाम पर चर्चा अधिक है। हालांकि अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है।
कांग्रेस : तीन सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी कांग्रेस यहां इंतजार के मूड में है। माना जा रहा है कि भाजपा और गठबंधन का प्रत्याशी देखकर वह अपना पत्ता खोलेगी।
बांसगांव संसदीय क्षेत्र
भाजपा : यह सीट दो बार से भाजपा के खाते में है। कमलेश पासवान यहां से सांसद हैं, हालांकि अभी यहां भी कुछ तय नहीं हो सका है।
गठबंधन : बसपा के कोटे में गई इस सुरक्षित सीट पर दूधराम को बसपा ने प्रभारी बनाया है और वह क्षेत्र में सक्रिय भी हो चुके हैं।
कांग्रेस : पूर्व आइपीएस कुश सौरभ को उतारकर कांग्रेस ने प्रबुद्ध वर्ग के मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की है।
देवरिया लोकसभा
भाजपा : इस सीट पर प्रत्याशियों में टिकट के लिए होड़ है। सांसद और पूर्व मंत्री कलराज मिश्र खुद सक्रिय हैं तो कुछ युवा नेता भी दावेदारी ठोक रहे हैं।
गठबंधन : बसपा ने इस सीट पर विनोद जायसवाल को प्रभारी बनाया है। वह क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं।
कांग्रेस : कांग्रेस इस सीट पर भी अभी इंतजार कर रही है। गठबंधन और भाजपा का टिकट तय होने के बाद वह प्रत्याशी उतार सकती है।
सलेमपुर संसदीय क्षेत्र
भाजपा : पिछली बार यहां से सांसद रविंद्र कुशवाहा की दावेदारी बरकरार है। जातिगत समीकरण के साथ प्रत्याशी के चयन पर विचार चल रहा है।
गठबंधन : यह सीट गठबंधन की ओर से बसपा के कोटे में है। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा खुद इस सीट पर प्रचार में लगे हैं।
कांग्रेस : इस सीट पर भी कांग्रेस को भाजपा की तरफ से प्रत्याशी घोषित होने का इंतजार है। दो उम्मीदवारों की दावेदारी तगड़ी है। एक तो क्षेत्र में सक्रिय भी हैं।
महराजगंज लोकसभा सीट
भाजपा : पंकज चौधरी यहां से सांसद हैं। माना जा रहा है कि जातिगत समीकरण को देखते हुए पार्टी यहां उम्मीदवार तय करेगी।
गठबंधन : बंटवारे में यह सीट सपा के पास है। इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है कि वह इसे अपने सहयोगी दल को भी दे सकती है।
कांग्रेस : इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से एक नाम लगभग तय है, लेकिन पार्टी यहां भी भाजपा और गठबंधन को देखकर प्रत्याशी उतारने के मूड में है।
कुशीनगर संसदीय क्षेत्र
भाजपा : इस सीट से सांसद राजेश पांडेय की दावेदारी है, लेकिन जब तक आधिकारिक घोषणा न हो जाए, कुछ भी कहना कठिन है।
गठबंधन : सपा ने अभी यहां से अपना प्रत्याशी तय नहीं किया है। भाजपा का प्रत्याशी तय होने के बाद वह अपने पत्ते खोल सकती है।
कांग्रेस : पूर्व सांसद आरपीएन सिंह यहां से प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। पिछले चुनाव में वह दूसरे स्थान पर थे।
बस्ती लोकसभा सीट
भाजपा : इस सीट पर उम्मीदवारी को लेकर घमासान मचा है। सांसद हरीश द्विवेदी की दावेदारी के बीच दूसरे दल के एक नेता टिकट के लिए जोर आजमाइश में लगे हैं।
गठबंधन : गठबंधन में सीटों को बंटवारे को लेकर विरोध के स्वर मुखर हुए थे। हालांकि बसपा ने रामप्रसाद चौधरी को है।
कांग्रेस : इस सीट पर भी कांग्रेस अभी दोनों दलों के उम्मीदवारों के नाम घोषित होने का इंतजार कर रही है। भाजपा के प्रत्याशी पर उसकी नजर है।
संतकबीरनगर लोकसभा
भाजपा : पार्टी के सांसद शरद त्रिपाठी इस समय चर्चा में है। ऐसे में राजनीतिक हल्के में भी इस सीट को लेकर अटकलबाजी भी चल रही है। सपा के एक बागी भी टिकट की कोशिश में हैं।
गठबंधन : बसपा ने पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी को लोकसभा प्रभारी बनाया है।
कांग्रेस : पार्टी ने यहां से परवेज खान को प्रत्याशी बनाया है। हालांकि इनकी घोषणा होते ही विरोध के स्वर उभर आए थे।
डुमरियागंज संसदीय क्षेत्र
भाजपा : दो बार से यहां से सासंद जगदंबिका पाल की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।
गठबंधन : मुस्लिम के साथ सपा वोट बैंक को साधते हुए बसपा ने पिपराइच से प्रत्याशी रह चुके आफताब आलम को प्रभारी बनाया है।
कांग्रेस : माना जा रहा है कि पार्टी भाजपा के ऐलान का इंतजार कर रही है। भाजपा का प्रत्याशी घोषित होने के बाद ही कांग्रेस गठबंधन या भाजपा के किसी बागी को टिकट दे सकती है।