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Electricity corporation: बिजली बिल के भुगतान में मीटर रीडिंग का खेल, लाखों का वारा-न्यारा Gorakhpur news

रीडिंग स्टोर के ज्यादातर मामलों की अफसरों की जांच में पता चला कि यदि अचानक छापा मारकर कार्रवाई न की गई होती तो कुछ ही दिन में मीटर बदलने की तैयारी थी। यानी मीटर बदलकर अपने मन से रीडिंग फीड कर बिल को घटा दिया जाता।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Sat, 13 Feb 2021 10:29 AM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2021 10:29 AM (IST)
Electricity corporation: बिजली बिल के भुगतान में मीटर रीडिंग का खेल, लाखों का वारा-न्यारा Gorakhpur news
ये बिजली मीटर का फइल फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। बिजली निगम के मीटरों में रीडिंग स्टोर का मामला रुक नहीं रहा है। कहीं मीटर रीडर जानबूझकर रीडिंग स्टोर कर निगम के राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे हैं तो कहीं घरों तक न पहुंचने के कारण सही रीडिंग नहीं ली जा पा रही है। इस वजह से भी बिजली बिल का भुगतान नहीं हो पा रहा है।

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नार्मल उपकेंद्र से जुड़े महेवा में बिजली निगम ने उपभोक्ता शिवप्रकाश सिंह के मीटर की जांच कराई तो सभी हैरान रह गए। उपभोक्ता का बिजली का बिल बना था 35 हजार 870 यूनिट का जबकि मीटर में रीडिंग 79634 थी। यानी 43764 यूनिट का बिल ही नहीं बना था। यदि छह रुपये यूनिट पर बिजली का बिल जोड़ें तो यह दो लाख 62 हजार 584 रुपये होगा। समय से बिजली निगम को रुपये मिलें तो राजस्व में वृद्धि होगी।

दो महीने पहले बक्शीपुर खंड क्षेत्र में एक प्राइवेट मोबाइल टावर के मीटर में 50 हजार से ज्यादा यूनिट स्टोर का मामला सामने आया था। इस मामले में अधिशासी अभियंता ने बिलिंग कंपनी के मीटर रीडर को काम से हटा दिया था। इससे पहले भी रीडिंग स्टोर के कई मामले मिल चुके हैं।

बदल देते हैं मीटर

रीडिंग स्टोर के ज्यादातर मामलों की अफसरों की जांच में पता चला कि यदि अचानक छापा मारकर कार्रवाई न की गई होती तो कुछ ही दिन में मीटर बदलने की तैयारी थी। यानी मीटर बदलकर अपने मन से रीडिंग फीड कर बिल को घटा दिया जाता। सब कुछ सेटिंग से होता है इसलिए आगे भी कोई जांच नहीं होती है।

मीटर रीडर की जानबूझ कर लापरवाही

अधीक्षण अभियंता यूसी वर्मा का कहना है कि मीटर में रीडिंग स्टोर के मामलों में मीटर रीडर की जानबूझकर लापरवाही परिलक्षित होती है। बिलिंग कंपनी को स्पष्ट निर्देश हैं कि वह सभी मीटरों की प्रोब आधारित बिलिंग कराएं। इससे मीटर में मौजूद रीडिंग और लोड के अनुसार बिल बनता है। इस व्यवस्था में बिल के गड़बड़ होने की आशंका नहीं रहती है।


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