जनता की राय जानेगा विभाग, तभी मानेगा नहरों की सफाई हुई या नहीं Gorakhpur News
प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा. महेंद्र सिंह ने सांसदों व विधायकों को पत्र लिखकर अपने-अपने क्षेत्र में कराए जा रहे नहरों की सफाई के कार्यों की निगरानी करने का अनुरोध किया है।
गोरखपुर, जेएनएन। सिंचाई विभाग ने नहरों की सफाई कार्य में पारदर्शिता बरतने के लिए अब जनता का सहारा लिया है। कार्यों में पारदर्शिता बरतने के लिए विभाग अब नहरों में सिल्ट सफाई पर आम जनता, विधायक व सांसदों की राय भी जानेगा। अगर किसी क्षेत्र में सिल्ट सफाई की स्थिति संतोषजनक नहीं मिलती है तो वहां कार्य को दोबारा कराया जाएगा। साथ ही कार्य में शिथिलता बरतने वाले संबंधित अफसरों पर कार्रवाई भी जाएगी।
यह क्षेत्र गंडक का
गंडक क्षेत्र के गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, बलिया व मऊ जनपदों में कुल दो लाख हेक्टेयर खरीफ व 1.4 लाख हेक्टेयर रबी की फसल की सिंचाई होती है। विभाग सातों जनपदों में लगभग तीन हजार किमी लंबी नहर की सिल्ट सफाई का कार्य 7.25 करोड रुपये की लागत से करा रहा है। शासन ने इस कार्य को 15 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य दिया है। सिल्ट सफाई का कार्य सिर्फ खानापूरी तक सीमित न रहे इसलिए जन सहभागिता जरूरी है। विभाग द्वारा कराए जा रहे कार्यों का फीडबैक जनता से ले रहा है। विभागीय मंत्री ने भी सिल्ट सफाई कार्यक्रम की सूचना सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों को भी देने का निर्देश दिया है।
जलशक्ति मंत्री ने मांगे सांसदों व विधायकों से सुझाव
प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा. महेंद्र सिंह ने सांसदों व विधायकों को पत्र लिखकर अपने-अपने क्षेत्र में कराए जा रहे नहरों की सफाई के कार्यों की निगरानी स्वयं या प्रतिनिधि के माध्यम से करने का अनुरोध किया है। पत्र में सिल्ट निकासी का कार्य खत्म होने के बाद जनप्रतिनिधियों से फीडबैक की अपेक्षा की गई है। मंत्री ने कहा है कि रबी फसली 1427 में किसानों को पानी उपलब्ध कराने के लिए ऐसी नहरों को भी शमिल किया गया है जिनकी टेल में विगत वर्षों में पानी नहीं पहुंच रहा था। इस प्रक्रिया से कार्यों में पारदर्शिता आएगी और कार्यों की गुणवत्ता भी बेहतर हो सकेगी।
गंडक क्षेत्र की नहरों की सफाई 22 दिसंबर तक पूरी
सिंचाई व जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता एके सिंह का कहना है कि छह दिसंबर तक गंडक क्षेत्र में 1537 किमी नहरों की सफाई का कार्य हो चुका है। 22 दिसंबर तक इसे पूरा करा लिया जाएगा। उसके बाद बाल्मीकि बैराज से पानी छोड़ा जाएगा। एक जनवरी से नहरों में पानी उपलब्ध हो जिसे किसान अपने सिंचाई के उपयोग में ला सकेंगे। इस बार मुख्य शाखा, राजवाहा व माइनर नहरों की भी सफाई कराई जा रही है जिससे टेल तक पानी पहुंच सके।