दारोगा व सिपाहियों ने कस्टम अफसर बनकर सर्राफ के कर्मचारियों से लूटी थी चांदी Gorakhpur News
गोरखपुर में सर्राफा से तीस लाख रुपये लूटने वाले दारोगा ने इसके पहले भी गोरखपुर में लूट की घटना को अंजाम दिया था। छानबीन करने पर पुलिस के हाथ फुटेज भी लगा था लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ।
गोरखपुर, जेएनएन। पुलिस की वर्दी में सर्राफा से लूट करने वाले दारोगा व सिपाहियों का हौसला शाहपुर पुलिस की लापरवाही से बढ़ गया। 29 दिसंबर की रात में खजांची चौराहा पर रेती के रहने वाले सर्राफा कारोबारी के कर्मचारियों से हुई लूट की वारदात को पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। तहरीर देने के बाद भी 23 दिन तक मुकदमा दर्ज नहीं किया। जांच करने की बात कह सर्राफ को टालते रहे। आरोपितों के पकड़े जाने और लूटी गई चांदी बरामद होने पर गुरुवार की सुबह लूट का केस दर्ज किया। जिसे बाद में डकैती में तरमीम कर दिया गया।
सर्राफा कारोबारी सुशील वर्मा की हिंदी बाजार में साक्षी ज्वेलर्स के नाम से नाम दुकान है। 29 दिसंबर 2020 को उनके कर्मचारी गणेश गौड़ व गाड़ी चालक रमेश व्यापारियों से बकाया वसूली करने महराजगंज, सिसवा और निचलौल गए थे। लौटते समय रात आठ बजे शाहपुर क्षेत्र के खजांची चौराहे पर पहुंचे। पीछे से आए स्कार्पियों सवार चार पुलिसवालों ने उनकी गाड़ी रोक ली। खुद को कस्टम अधिकारी बताते हुए गाड़ी की तलाशी लेकर उसमें रखा नौ किलो चांदी व 10 ग्राम सोना लेकर फरार हो गए। कर्मचारियों के बताने पर सर्राफ ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। अगले दिन सीओ कार्यालय व शाहपुर थाने पहुंच तहरीर दी, लेकिन घटना को संदिग्ध मानते हुए पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया।
पुलिस के हाथ फुटेज भी लगा, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ
छानबीन करने पर पुलिस के हाथ फुटेज भी लगा, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। जिसके बाद दारोगा व सिपाहियों ने मान लिया कि गोरखपुर में वर्दी पहनकर लूट करना आसान है। 20 दिन बाद दोबारा गोरखपुर पहुंचकर दिनदहाड़े लूट कर दी। जिसके बाद हड़कंप मच गया।
स्कार्पियों सवार की मदद लेकर लूटी थी चांदी
दारोगा धर्मेंद्र यादव सर्राफ के कर्मचारियों से लूट करने के लिए सिपाहियों के साथ कार से गोरखपुर आया था। मेडिकल कालेज के पास कार खड़ी कर सर्राफा कारोबारी के कर्मचारियों का इंतजार कर रहा था। गाड़ी आने पर पीछे से आ रहे स्कार्पियों सवार को रोक उसकी गाड़ी में बैठ गए। पीछा करके खजांची चौराहा पर रोक लिया। वारदात को अंजाम देने के बाद चांदी लेकर कार से फरार हो गए। घटना के बाद सर्राफा कारोबारी के कर्मचारी ने पुलिस को बताया कि वर्दी वाले बदमाश स्कार्पियों से आए थे। पकड़े गए दारोगा धर्मेंद्र यादव ने पूछताछ में बताया कि किसी को संदेह न हो इसलिए उन्होंने अपनी गाड़ी से ओवरटेक करके नहीं रोका।
दबिश देने की बात कह बुक कराई थी गाड़ी
घटना में इस्तेमाल हुई गाड़ी पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र के करही निवासी राहुल यादव की है। सीसी कैमरे की फुटेज से गाड़ी नंबर का पता चलने पर मालिक को ढूंढते हुए पुलिस रात में घर पहुंची। राहुल को हिरासत में लिया तो उसने बताया कि बोलेरो छोटा भाई देवेंद्र यादव चलाता है। टीम ने देवेंद्र को पकड़ा तो उसने बताया कि पुरानी बस्ती थाने के दारोगा धर्मेंद्र यादव दबिश में गोरखपुर ले गए थे। दो हजार रुपये में उन्होंने गाड़ी बुक की थी। 29 दिसंबर को भी कार बुक करके गोरखपुर ले गए थे।
दुकानदार के खाते में दारोगा ने ट्रांसफर किए हैं लाखों रुपये
लूट के आरोप में दबोचे गए बस्ती में तैनात दारोगा धर्मेंद्र यादव, सिपाही महेंद्र यादव, संतोष व आलोक भार्गव के संपत्तियों की जांच होगी। अपराध करके संपत्ति अर्जित करने का प्रमाण मिलने पर पुलिस कुर्क कराएगी। छानबीन में पता चला है कि दारोगा ने हाल के दिनों हार्डवेयर दुकानदार के खाते में लाखों में रुपये ट्रांसफर किए हैं जिसकी जांच चल रही है।
डीआइजी/एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने बताया कि धर्मेंद्र यादव लंबे समय तक पीएसी में रहा है। इस तरह की वारदात वह गोरखपुर में दो बार कर चुका है। दारोगा के साथ ही वारदात में शामिल सिपाहियों उनकी पत्नी व परिवार वालों के बैंक खातों की जांच चल रही है। संपत्ति के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। बस्ती पुलिस को पत्र लिख आरोपित पुलिसकर्मियों की चरित्र पंजिका को मांगा गया है। कैंट पुलिस लूट करने वाले दारोगा व सिपाहियों का गैंग पंजीकृत कराएगी। इनके खिलाफ एनएसए की कार्रवाई होगी।
डकैती में तरमीम हुआ लूट का मुकदमा
सर्राफा कारोबारियों की तहरीर पर कैंट व शाहपुर पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ पहले लूट का मुकदमा दर्ज किया। प्रभारी निरीक्षक कैंट अनिल उपाध्याय ने बताया कि वारदात में आठ बदमाशों के शामिल होने का साक्ष्य मिलने के बाद लूट के मुकदमे को डकैती में तरमीम कर दिया गया।