Lockdown in Gorakhpur : पूर्णमासी को चार कंधे भी नसीब में नहीं, ठेला पर शव ले गया बेटा Gorakhpur News
अंतिम यात्रा में भी कोई शामिल होने के लिए नहीं पहुंचा। कंधा देने की बात छोड़िए शव यात्रा में महज तीन लोग ही थे जबकि कंधा देने के लिए चार लोगों की जरूरत होती है।
बस्ती, जेएनएन। कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए लॉकडाउन ने सबको संकट में डाल दिया है। संक्रमण से बचाव को शारीरिक दूरी बनाए रखने के डाक्टरों की सलाह में लोग एक दूसरे का दुख दर्द भी भूल गए हैं। सोमवार को बस्ती शहर में दिल दहलाने वाला नजारा दिखा। ठेले पर अंतिम संस्कार के लिए शव ले जाते जिसने देखा, वह रो पड़ा। अंतिम यात्रा में भी कोई शामिल होने के लिए नहीं पहुंचा। कंधा देने की बात छोड़िए, शव यात्रा में महज तीन लोग ही थे, जबकि कंधा देने के लिए चार लोगों की जरूरत होती है।
ठेला पर शव ले गया बेटा
सोमवार को एक ऐसा ही नजारा बस्ती शहर की सड़क पर दिखा। कटरा मूड़घाट रोड पर तीन व्यक्ति एक शव को अंतिम संस्कार के लिए ठेले पर ले जाते दिखे। बस्ती शहर के पिकौरा दत्तूराय मोहल्ले में रहने वाले बुजुर्ग पूर्णमासी की लंबी बीमारी के बाद रविवार की रात मौत हाे गई।
लाकडाउन के कारण नहीं आए रिश्तेदार
पूर्णमासी की मौत की सूचना उनके बेटे ने सभी रिश्तेदारों को दिया। पड़ोसियों को भी मौत होने की जानकारी दी गई। लाकडाउन का हवाला देकर रिश्तेदारों ने पहले ही आने में असमर्थता जता दी थी।
डर से नहीं आए मोहल्ले के लोग
सुबह परिजन इंतजार करते रहे कि मोहल्ले के लोग आएंगे। जब मोहल्ले का कोई भी आदमी नहीं आया तो मजबूरी में परिजन वाहन तलाश करने लगे। कई लोगों को फोन भी किया। सभी लोगों ने वाहन देने में असमर्थता व्यक्त की।
परिजनों ने ठेला पर रखा शव
अंत में निराश होकर परिजनों ने एक ठेला मंगाया। उसके बाद परिवार के तीन सदस्य लाश को ठेला पर रखे और अंतिम संस्कार के लिए चलते बने। बताते हैं कि पुलिस के डर से मोहल्ले के लोग उनकी शव यात्रा में शामिल होने के लिए घर से बाहर नहीं निकले। शव ले जाने के लिए कोई वाहन भी नहीं मिला। ऐसे में परिवार के सदस्य पूर्णमासी के शव को ठेले पर ही लादकर मूड़घाट स्थित शमशान घाट पर अंतिम संस्कार को ले गए।