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गोरखपुर शहर में अब भारी पड़ने लगी है सड़क निर्माण में लेट-लतीफी, मेडिकल कॉलेज रोड पर धूल उड़ने से बच्चों व मरीजों की सांसत Gorakhpur News

निर्माणाधीन सड़कें चलने लायक नहीं रह गई हैं। धूल उड़ रही है। देवरिया रोड तो शहर के बाहर की है लेकिन असुरन-मेडिकल कॉलेज रोड के खराब होने से नागरिक रोज दुश्वारियां झेल रहे हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 09:10 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 10:00 AM (IST)
गोरखपुर शहर में अब भारी पड़ने लगी है सड़क निर्माण में लेट-लतीफी,  मेडिकल कॉलेज रोड पर धूल उड़ने से बच्चों व मरीजों की सांसत Gorakhpur News
गोरखपुर शहर में अब भारी पड़ने लगी है सड़क निर्माण में लेट-लतीफी, मेडिकल कॉलेज रोड पर धूल उड़ने से बच्चों व मरीजों की सांसत Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। सड़क निर्माण में लेट-लतीफी अब नागरिकों पर भाड़ी पडऩे लगी है। खासकर दो सड़कें, असुरन-मेडिकल कॉलेज रोड व गोरखपुर-देवरिया रोड, निर्धारित समय समय बीत जाने के बाद भी अभी पूर्ण नहीं हो पाई हैं। अनेक जगहों पर सड़कें खोद दी गई हैं, नाले व डिवाइडर बन रहे हैं। निर्माण की गति धीमी होने से लंबे समय से नागरिक दुश्वारियां झेल रहे हैं।

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असुरन-मेडिकल कॉलेज रोड का निर्माण मार्च में होना था पूरा

असुरन-मेडिकल कॉलेज रोड का निर्माण मार्च 2017 में शुरू हुआ। इसे मार्च 2019 में पूरा हो जाना था। लेकिन अभी तक मेडिकल कॉलेज से शाहपुर थाना तिराहा मोड़ तक पश्चिमी लेन और जेमिनी पैराडाइज के पहले तक पूर्वी लेन बन पाई है। नाला निर्माण चल रहा है। शेष हिस्सों में अनेक जगह सड़क खोद दी गई है।

गोरखपुर- देवरिया रोड का निर्माण 20 मई 2016 को शुरू हुआ था, पूर्ण होने की अवधि 19 मई 2018 निर्धारित की गई थी। निर्धारित अवधि के डेढ़ साल बाद भी अभी निर्माण पूरा नहीं हो पाया। कुल लगभग 75 फीसद कार्य ही हो पाया है।

चलने लायक नहीं हैं सड़कें

निर्माणाधीन सड़कें चलने लायक नहीं रह गई हैं। धूल उड़ रही है। देवरिया रोड तो शहर के बाहर की है लेकिन असुरन-मेडिकल कॉलेज रोड के खराब होने से नागरिक रोज दुश्वारियां झेल रहे हैं। इस रोड पर मेडिकल कॉलेज, अनेक अस्पताल व स्कूल होने से एंबुलेंस व स्कूली वाहनों का आना-जाना होता है। बच्चे व मरीज दोनों परेशान होते हैं। जाम, तेज धूप व उड़ती धूल से नागरिकों का बुरा हाल है।

अब इनकी भी सुनिए

पीडब्‍लूडी के अधीक्षण अभियंता एमपी चौरसिया का कहना है कि रिवाइज इस्टीमेट शासन में भेजा गया है। अभी स्वीकृत नहीं हुआ। फिर भी काम कराया जा रहा है। स्टीमेट स्वीकृत होते ही कार्य की गति तेज हो जाएगी। दोनों सड़कों को मार्च 2020 तक हर हाल में पूरा करा दिया जाएगा।


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