पूर्वाचल के पैसे से चमक रहे देश के दूसरे राज्य
भारतीय रिजर्व बैंक का स्पष्ट निर्देश है कि जिस इलाके का जितना पैसा वहां के बैंकों में जमा हो, उसका 60 फीसद उसी इलाके के विकास पर खर्च होगा। पूर्वांचल के लोगों के लिए यह खबर हैरान करने वाली है। उनके पैसे से मुंबई, गुजरात सहित अन्य प्रदेशों का विकास हो रहा है। यहां पर उनके पैसे से किसी तरह का विकास कार्य नहीं किया जा रहा है।
गोरखपुर : पूर्वांचल के लोगों के लिए यह खबर हैरान करने वाली है। उनके पैसे से मुंबई, गुजरात सहित अन्य प्रांतों का विकास किया जा रहा है। ऐसा सिर्फ बैंकों के असहयोग के चलते हो रहा है। आरबीआइ (भारतीय रिजर्व बैंक) का स्पष्ट निर्देश है कि जिस इलाके का जितना पैसा वहां के बैंकों में जमा हो, उसका 60 प्रतिशत उसी इलाके के विकास पर खर्च किया जाय। अभी तक यहां का सीडी रेशियो (क्रेडिट डिपाजिट रेशियो) 41 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो पाया। यानी कभी यहां का पैसा 41 प्रतिशत से ज्यादा यहां के विकास पर खर्च नहीं किया गया।
गोरखपुर का सीडी रेशियो केवल दो बार 40 प्रतिशत से ऊपर गया है। 2015-16 में पहली बार यहां का सीडी रेशियो 41.66 प्रतिशत पर पहुंचा और उसके अगले साल 2016-17 में पुन: गिरकर 40.14 प्रतिशत पर आ गया। 2017-18 में फिर गिरा और यहां का सीडी रेशियो 40 से भी नीचे 38.09 प्रतिशत पर आ गया। यानी की यहां के बैंकों ने जिले के विकास पर गोरखपुर के पैसे का मात्र 38 प्रतिशत ही खर्च किया। शेष पैसा देश के अन्य प्रांतों के विकास पर खर्च किया गया। बैंक के एक उच्च पदस्थ अधिकारी के अनुसार पूर्वाचल में जमा धन के 65-70 प्रतिशत का सर्वाधिक हिस्सा (करीब 90 प्रतिशत) मुंबई में लगाया जा रहा और शेष धन को गुजरात भेजा जा रहा है।
आर्थिक व क्षेत्रीय असंतुलन दूर करने के लिए आरबीआइ द्वारा लागू यह योजना बैंकों के रुचि न लेने और उद्योगपतियों के साथ असहयोग के चलते पूर्वाचल में बेअसर है। यहां सब उलटा हो रहा है। पूर्वाचल का जितना पैसा यहां के विकास में खर्च किया जाना चाहिए, उसका लगभग 40 प्रतिशत ही इसके हिस्से में आ रहा है। इसके चलते न तो यहां औद्योगिक वातावरण बन पा रहा है और न पहले से ही यहां लगी औद्योगिक इकाइयों का समुचित विकास हो रहा है।
राष्ट्रीयकृत बैंक इसका कारण बताते हैं कि यहां बड़ी औद्योगिक इकाइयों के न होने से यहां लोन कम होता है। इसका जवाब यहीं के प्राइवेट बैंक उन्हें दे देते हैं। इसी गोरखपुर में प्राइवेट बैंकों का सीडी रेशियो 55 से लेकर 126 प्रतिशत तक है, जबकि राष्ट्रीयकृत बैंकों में सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक का 38.34 व दूसरे सबसे बड़े बैंक पंजाब नेशनल बैंक का 31.58 प्रतिशत है। हालांकि छोटे बैंकों जिनकी एक-दो शाखाएं गोरखपुर में हैं, उनका सीडी रेशियो संतोषजनक है। बैंक आफ महाराष्ट्रा ने आरबीआइ के मानक को छू लिया है।
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क्या है सीडी रेशियो
सीडी रेशियो (क्रेडिट डिपाजिट रेशियो) ऋण-जमा अनुपात को कहते हैं। जितना पैसा जिस क्षेत्र से बैंकों में जमा हुआ, उसका जितना फीसद हिस्सा वहां के विकास पर खर्च किया गया। उस प्रतिशत को सीडी रेशियो कहते हैं।
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सीडी रेशियो लगातार बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। बढ़ भी रहा है। बहुत जल्द हम मानक पूरा कर लेंगे। हम भी चाहते हैं कि पूर्वाचल का पैसा पूर्वाचल में लगे और यहां का सर्वागीण विकास हो। इसके लिए जरूरी है कि यहां बड़ी औद्योगिक इकाइयां स्थापित हों और ऋण की मांग बढ़े। फिर भी पहले से यहां का सीडी रेशियो काफी अच्छा हुआ है।
-आलोक श्रीवास्तव, डीजीएम, सेंट्रल बैंक
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गोरखपुर का पांच साल का सीडी रेशियो (प्रतिशत में)
2017-18 38.09
2016-17 40.14
2015-16 41.66
2014-15 38.84
2013-14 36.90
2012-13 31.15
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2017-18 में बैंकों का सीडी रेशियो (प्रतिशत में)
भारतीय स्टेट बैंक 38.34
पंजाब नेशनल बैंक 31.58
इलाहाबाद बैंक 24.65
यूनियन बैंक 31.03
सेंट्रल बैंक 43.05
यूको बैंक 30.12
केनरा बैंक 36.76
ओरियंटल बैंक 81.64
बैंक आफ इंडिया 42.49
ओवरसीज बैंक 13.01
आंध्रा बैंक 19.61
विजया बैंक 39.52
कारपोरेशन बैंक 34.44
यूनाइटेड बैंक 27.58
सिंडीकेट बैंक 37.56
देना बैंक 40.97
पंजाब एंड सिंध बैंक 50.79
बैंक आफ महाराष्ट्रा 60.95
इंडियन बैंक 45.41
बैंक आफ बड़ौदा 38.24
पूर्वाचल बैंक 32.70
आइसीआइसीआइ बैंक 48.56
एचडीएफसी बैंक 77.62
बंधन बैंक 126.58
इंडसइंड बैंक 55.45