डॉक्टर लिख रहे ब्रांड, एक्सपायर हो रहीं जन औषधि केंद्र की दवाएं Gorakhpur News
गोरखपुर में डॉक्टर जन औषधि (जेनरिक) दवा लिख नहीं रहे हैं। इस वजह से बड़ी मात्रा में दवाएं एक्सपायर हो चुकी हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। रीमा, राधेश्याम व सरवन पर्ची लेकर जिला अस्पताल के जन औषधि केंद्र पर आए थे, वो दवाएं केंद्र पर नहीं थीं। उन्हें वापस जाना पड़ा। पूछने पर केंद्र संचालक ने बताया कि ये ब्रांड की दवाएं हैं जो बाहर मेडिकल स्टोर पर मिलती हैं। यहां डॉक्टर जन औषधि (जेनरिक) दवा लिख नहीं रहे हैं। इस वजह से बड़ी मात्रा में दवाएं एक्सपायर हो चुकी हैं।
मजबूरी में मरीजों को बाहर से महंगे दामों में खरीदनी पड़ रही दवाएं
डॉक्टर ज्यादातर ब्रांड की दवाएं ही लिखते हैं। इस वजह से जन औषधियां एक्सपायर हो रही हैं। जनऔषधि केंद्र में जनवरी से अक्टूबर के बीच में एक लाख और अक्टूबर से अब तक 40 हजार रुपये की दवाएं एक्सपायर हो चुकी हैं। केंद्र संचालक ने बताया कि यदि डॉक्टरों का यही रवैया रहा तो जून-जुलाई तक 50 हजार रुपये की दवाएं और एक्सपायर हो जाएंगी। कुल दवाओं की सूची 986 है, जबकि केंद्र संचालक लगभग ढाई सौ दवाएं ही मंगा रहे हैं। एक सप्ताह से सिट्रिजिन, बच्चों की एंटीबायोटिक, सांस फूलने, कफ सीरप, थायरायड, बीपी, सुगर सहित लगभग एक सौ दवाएं खत्म हो गई हैं। पैरासीटामॉल 500 एमजी खत्म हो गई है, 650 एमजी की दवाएं केंद्र में मौजूद है। मांग भेजी गई है, लेकिन दवाएं अभी तक केंद्र पर नहीं पहुंची हैं। जो दवाएं हैं, डॉक्टरों के न लिखने से उसका लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है।
केस एक : मियां बाजार की रीमा को कुछ दवाएं जिला अस्पताल से मिल गई थीं लेकिन एक दवा के लिए वह जन औषधि केंद्र पर आई थीं। केंद्र संचालक ने कहा कि यह दवा मेडिकल स्टोर पर मिलेगी।
केस दो : पुर्दिलपुर के राधेश्याम के पास भी एक पर्ची थी। डॉक्टर ने पर्ची पर जो दवा लिखी थी, वह जन औषधि केंद्र पर नहीं थी। केंद्र संचालक के मना करने पर उन्हें भी निराश होकर वापस जाना पड़ा।
एक्सपायर हुईं ये दवाएं
एक साल में अब तक चर्म रोग, बच्चों की एंटीबायोटिक, गैस व एंटीबायोटिक के इंजेक्शन, सांस फूलने, खांसी, सुगर, आयरन, फोलिक एसिड सहित लगभग 80 से अधिक दवाएं एक्सपायर हो चुकी हैं। इनकी कीमत 1.40 लाख रुपये से ज्यादा है।
ज्यादातर डॉक्टर ने ब्रांड की दवाएं लिख रहे हैं, जो मेडिकल स्टोर पर मिलती हैं। जन औषधि केंद्र पर 50 से 90 फीसद तक सस्ती मिलने वाली दवाओं का लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है। लगभग 1.40 लाख रुपये की दवाएं एक्सपायर हो चुकी हैं। - वसीउल्लाह खान, फार्मासिस्ट, जन औषधि केंद्र
डॉक्टर जेनरिक दवाएं नहीं लिख रहे हैं तो गलत है। जो दवाएं अस्पताल में नहीं हैं, उनको जेनरिक दवाएं लिखने का आदेश है। फिर भी यदि वे ब्रांड की दवाएं लिख रहे हैं तो इसकी जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी। - डॉ. केएम सिंह, प्रभारी एसआइसी