जनपद न्यायाधीश ने कहा-लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करती है न्यायपालिका Gorakhpur News
बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट के सभागार में लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण में न्यायपालिका की भूमिका विषय पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए जनपद न्यायाधीश ने यह बातें कहीं। इसमें अधिवक्ताओं का भी काफी अहम योगदान होता है।
गोरखपुर, जेएनएन। जनपद न्यायाधीश प्रमोद कुमार श्रीवास्तव कहा कि लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा की जिम्मेदारी न्यायपालिका पर ही होती है। कोई भी ऐसा कानून जो संविधान के विपरीत हो उसे निरस्त कर न्यायपालिका, लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा कर सजग प्रहरी की भूमिका का निर्वाह करती है। इसमें अधिवक्ताओं का भी अहम योगदान होता है।
बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट के सभागार में लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण में न्यायपालिका की भूमिका विषय पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए जनपद न्यायाधीश ने यह बातें कहीं। शशि शंकर पति त्रिपाठी की पुण्यतिथि पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि वादकारियों के हितों की रक्षा करते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों को संरक्षित करने का दायित्व हम सभी का है।
जन-मन की आकांक्षाओं का पवित्र मंत्र है हमारा संविधान
मुख्य वक्ता प्रोफेसर रजवंत राव ने कहा कि हमारा संविधान, जन-मन की आकांक्षाओं का पवित्र मंत्र है, जिसमें कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के कार्य एवं अधिकार वर्णित हैं। विशिष्ट अतिथि के तौर पर गोष्ठी में मौजूद प्रदेश बार काउंसिल के सदस्य मधुसूदन त्रिपाठी ने कहा कि विधायिका जो कानून बनाती है, यदि वह संविधान और जनभावना के विपरीत होता है, तो न्यायपालिका उसे विधि शून्य घोषित कर देती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भानु प्रताप पांडेय व संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता सुभाष शुक्ल ने किया। अधिवक्ता अनूप पांडेय ने विषय प्रवर्तन कर गोष्ठी की शुरुआत की। गोष्ठी को पूर्व एमएलसी विनोद पांडेय, अपर सत्र न्यायाधीश सत्यानंद उपाध्याय, पद्माकर दत्त तिवारी, बृजबिहारी लाल श्रीवास्तव, अभिमन्यु पांडेय व जितेंद्र राय ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के अंत में बार एसोसिएशन के मंत्री अनुराग दूबे और शशि शंकर पति त्रिपाठी स्मृति संस्थान के अध्यक्ष व पूर्व डीजीसी कमल शंकर पति त्रिपाठी ने आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम में जितेंद्र धर दूबे, उमापति उपाध्याय, रमेश राय, धीरेंद्र दूबे, प्रमेश राम त्रिपाठी, सतीश द्विवेदी, राकेश गिरी, धनंजय त्रिपाठी, प्रवीण शुक्ल, शिखर पांडेय, संदीप यादव सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद थे।