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भाइयों के साथ आंगन में खेला क्रिकेट, अब अंपायर

एशिया की पहली ऐसी महिला जो पुरुष वर्ग के क्रिकेट खेल में आउट, नाट आउट का क्रिकेट खेल को खेलने में कामयाबी हासिल की।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Aug 2018 02:15 PM (IST)Updated: Wed, 15 Aug 2018 02:15 PM (IST)
भाइयों के साथ आंगन में खेला क्रिकेट, अब अंपायर
भाइयों के साथ आंगन में खेला क्रिकेट, अब अंपायर

गोरखपुर : एशिया की पहली ऐसी महिला जो पुरुष वर्ग के क्रिकेट खेल में आउट, नाट आउट का निर्णय दे रही हैं। भाइयों के साथ घर के आंगन में क्रिकेट शुरू किया। आजकल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल में अंपाय¨रग कर जनपद व प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं। मुख्यालय के नरहरिया में पली-बढ़ी और क्रिकेट खेल शुरू करने वाली शिवानी मिश्रा आज नेशनल अंपायर तक का सफर पूरी कर चुकी हैं। मंगलवार को वह बस्ती पहुंचीं। पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने बचपन की यादें ताजा की। बताया कि भाइयों के साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया। जिला, जोन व स्टेट लेवल के मैच में शानदार प्रदर्शन की बदौलत आज अंपायर की भूमिका में हैं। कहा कि यह डगर काफी कठिन रही। लड़की हमेशा असुरक्षित महसूस करती है, खासकर खेल में, लेकिन ऐसा नहीं है। कोच अच्छा मिले तो कैरियर निखर जाएगा। बताया कि वह अब तक डिविजन लेवल में 200 मैच में अंपाय¨रग कर चुकी हैं, जबकि नेशनल स्तर पर 7 मैच में अंपायर की भूमिका निभा चुकी हैं। एशिया में अकेली महिला हूं जो पुरुष क्रिकेट में अंपायर हूं। पहले मैच में अंपाय¨रग का अनुभव शेयर करते हुए शिवानी ने बताया मुझे आइसीसी व‌र्ल्ड टी-20 एशिया सब रीजनल क्वालीफायर ए के उद्घाटन मैच में अंपायर बनाया गया। पहला मैच मेजबान कुवैत और मालदीव के बीच खेला गया। भारी संख्या में दर्शक अपनी होम टीम को सपोर्ट करने आए थे। फिलहाल शिवानी कतर महिला क्रिकेट टीम की कोच हैं। उन्होंने कहा कि को¨चग से लेकर अंपाय¨रग और मैच रेफरी तक का कोर्स और प्रशिक्षण लिया है। इससे पहले कतर में लारा बनाम जयसूर्या की टीम के बीच वर्ड-11 व एशिया-11 के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें दोनों कप्तान थे और मैं मैच रेफरी की भूमिका में थी। अंतरराष्ट्रीय एशिया कप अंडर-16 जो 2015 में मैच रेफरी थी। अभी क्लीफायर मैच में अंपाय¨रग कर रही हैं। जो 2020 में होना है। शिवानी अब कतर में ही परिवार के साथ रहती हैं। बस्ती में मायका होने के नाते बहुत लगाव है।

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मां अंपायर तो बेटी बालर बनी

बस्ती : नेशनल अंपायर शिवानी मिश्रा खुद तो अंपाय¨रग कर रही, साथ ही बेटी दिवि मिश्रा को क्रिकेट खेलना सिखा रही हैं। महिला क्रिकेट टीम में बतौर गेंदबाज दिवि मिश्रा ने बातचीत में बताया कि कतर नेशनल महिला टीम की ओर से 14 इंटरनेशनल मैच खेल चुकी हैं। फास्ट मीडियम बा¨लग करती हैं। स्पीड भी 110 किमी की रफ्तार है। आगे इसे और बढ़ाने का प्रयास है। दिवि 70 लोकल मैच खेल चुकी हैं। कतर में रहकर ही आगे बढ़ने का इरादा है।

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जागरण पब्लिक स्कूल में बच्चों को दिए क्रिकेट के टिप्स

बस्ती : जागरण पब्लिक स्कूल में छात्र-छात्राओं को नेशनल अंपायर शिवानी मिश्रा ने अपने अनुभव साझा किए। यहां आयोजित कार्यक्रम में क्रिकेट खेल की बारीकियां बताईं, उतार-चढ़ाव के दौर से कैसे निबटने की जानकारी दी। छात्राओं ने खेल के बारे में खुलकर सवाल किए। बाद में शिवानी ने क्रिकेट ग्राउंड पर बा¨लग और बै¨टग के टिप्स दिए। बताया कि एक गलत शाट कैसे अंपायर की अंगुली उठने पर विवश कर देता है। बै¨टग में कैसे प्रहार करना है की जानकारी दी। बच्चों से कहा कि सही खेल ही उच्च स्तर के खेल तक पहुंचा सकता है। चाहे वह बेटी हो या बेटा, अब क्रिकेट में भी नाम कर रहे हैं। प्रबंधक अर¨वद कुमार पांडेय, निदेशक डा. चंद्र प्रभा पांडेय ने बच्चों का उत्साह बढ़ाया और शिवानी मिश्रा का आभार प्रकट किया।


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