Move to Jagran APP

Coronavirus Lockdown: कोरोना जांच रिपोर्ट के इंतजार में पांच दिन तक रखा रहा शव

सड़क हादसे में जान गंवा चुके दो प्रवासी मजदूरों का शव बस्‍ती जिले में पांच दिन तक मर्चरी में महज इसलिए रखा गया कि कोरोना जांच की रिपोर्ट नहीं मिल पाई।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 02:54 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 08:27 AM (IST)
Coronavirus Lockdown: कोरोना जांच रिपोर्ट के इंतजार में पांच दिन तक रखा रहा शव
Coronavirus Lockdown: कोरोना जांच रिपोर्ट के इंतजार में पांच दिन तक रखा रहा शव

गाेरखपुर, जेएनएन। सड़क हादसे में जान गंवा चुके दो प्रवासी मजदूरों का शव बस्‍ती जिले में पांच दिन तक  मर्चरी में महज इसलिए रखा गया कि कोरोना जांच की रिपोर्ट नहीं मिल पाई। परिवारीजनों भटकते रहे लेकिन शव सुपुर्द नहीं किया गया।

loksabha election banner

फिरोजाबाद से बिहार के वैशाली जा रहे चार प्रवासी मजदूरों की कार 18 मई को कप्तानगंज थाना क्षेत्र के गोटवा के पास हाईवे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इलाज के दौरान बस्ती के जिला अस्पताल में दो प्रवासियों वकील राम, लालबाबू राम की मौत हो गई थी। अस्पताल प्रशासन ने शव को मर्चरी में रखवाकर कोरोना जांच के लिए नमूना भेज दिया था।  19 मई को परिवारीजन जब शव लेने बस्ती पहुंचे तो उन्हें कोरोना रिपोर्ट न आने का हवाला देकर शव देने से मना कर दिया गया। यही स्थिति अब भी बनी हई है। परिवारीजन राजीव कुमार ने शनिवार को जिलाधिकारी बस्ती को पत्र लिखकर कहा कि पांच दिन बीत गए शव नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। शुक्रवार को दुर्घटना में मरे एक व्यक्ति की रिपोर्ट आए बगैर शव परिजनों को सौंप दिया गया।

कोरोना जांच के लिए यदि सैंपल लिया गया हैं तो बिना रिपोर्ट आए शव नहीं दिया जा सकता। रिपोर्ट में विलंब क्यों हो रहा है, इसके लिए बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर से बात करेंगे। जहां तक भेदभाव के आरोप की बात है, सीएमओ से यह जानकारी ली जाएगी कि क्या किसी का शव बिना रिपोर्ट के उनके परिवारीजन को सौंपा गया है। - आशुतोष निरंजन, जिलाधिकारी

चेन्नई से आई श्रमिक एक्सप्रेस में मजदूर का शव मिला

चेन्नई से गोरखपुर पहुंची श्रमिक एक्सप्रेस में मजदूर का शव मिलने से हड़कंप मच गया। कोरोना से मौत होने के संदेह में कोच में सवार गोरखपुर के 12 श्रमिकों को एहतियात के तौर पर प्रशासन ने क्वारंटाइन करा दिया है। वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर और बाराबंकी के रहने वाले 30 अन्य यात्रियों के बारे में सूचना वहां के जिला प्रशासन को दी गई है। मजदूर के शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है। 20 मई को चेन्नई से गोरखपुर आने के लिए चली श्रमिक एक्सप्रेस शनिवार को दोपहर बाद 3:30 बजे गोरखपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर नौ पर पहुंची। यात्रियों के उतरने के बाद खिड़की और दरवाजा बंद कर रहे कर्मचारियों ने कोच नंबर एस -नौ के सीट नंबर आठ पर पड़े युवक का शव देख इसकी जानकारी स्टेशन पर मौजूद रेलवे अधिकारियों को दी। सूचना पर रेलवे के डॉक्टर स्टेशन पहुंचे लेकिन शव से दुर्गंध आने की बात कह कोच के अंदर जाने से मना कर दिया। सैनिटाइजेशन के बाद चेन्नई से आई ट्रेन को प्लेटफार्म नंबर सात पर लाया गया। रात आठ बजे के करीब जीआरपी और जिले की पुलिस ने शव को कोच से बाहर निकाला। शव के पास पड़े बैग में बहराइच के रहने वाले एक व्यक्ति का आधार कार्ड मिला जो किसी दूसरे व्यक्ति का बताया जा रहा है। प्रभारी निरीक्षक जीआरपी आनंद ङ्क्षसह ने बताया कि शव के शिनाख्त की कोशिश की जा रही है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.