सीएम योगी की सख्ती के बाद भी पूरा नहीं हुआ एम्स का निर्माण, पीएम मोदी को इसी माह करना है उद्घाटन
एम्स गोरखपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर भी संजीदा नहीं है। अक्टूबर में प्रधानमंत्री पूर्ण विकसित एम्स का उद्घाटन करने वाले हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस माह तक एम्स पूर्ण करने का निर्देश दिया है। बावजूद इसके एम्स प्रबंधन कछुआ चाल चलता रहा।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर भी संजीदा नहीं है। अक्टूबर में प्रधानमंत्री पूर्ण विकसित एम्स का उद्घाटन करने वाले हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस माह तक एम्स पूर्ण करने का निर्देश दिया है। बावजूद इसके एम्स प्रबंधन कछुआ चाल चलता रहा। स्थति यह है कि 750 बेड में से 300 बेड अस्पताल भी न तो अभी तक पूरी तरह तैयार हो पाया है और न ही इस माह तैयार होने की उम्मीद है। इसे लेकर पिछले शनिवार को सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री ने कार्यदायी संस्था व एम्स प्रबंधन पर नाराजगी भी जताई थी। साथ ही उन्होंने अक्टूबर में निर्माण पूरा करने का निर्देश दिया है।
750 में से 300 बेड अस्पताल भी पूरी तरह तैयार नहीं
प्रधानमंत्री पूर्ण विकसित एम्स का इसी माह उद्घाटन करने वाले हैं। लेकिन एम्स की तैयारियां पूरी नहीं हैं। कुल 750 बेड का अस्पताल बनना है। अभी 300 बेड का अस्पताल भी पूरी तरह तैयार नहीं हो पाया है। इसे ही तैयार करने की मशक्कत की जा रही है। तीन मंजिले भवन में पहले व तीसरे तल पर बेड लगा दिए गए हैं, लेकिन दूसरे तल में अभी काम बहुत बाकी है। उसमें ताला बंद है। 14 आपरेशन थियेटर बनने हैं, इनमें से केवल तीन लगभग तैयार हैं। शेष पर काम चल रहा है। जब सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में कार्यदायी संस्था ने बताया कि नवंबर के आखिरी सप्ताह तक हम निर्माण पूरा कर लेंगे तो मुख्यमंत्री नाराज हुए। क्योंकि प्रधानमंत्री के हाथों इसी माह उद्घाटन होना है। इसे लेकर एम्स ने निर्माण की गति तो बढ़ाई है लेकिन इस माह निर्माण पूरा होने की उम्मीद बहुत कम है।
56 चिकित्सक कैसे चलाएंगे अस्पताल
अस्पताल के अभी दो माह के पहले तैयार होने की उम्मीद नहीं है। यदि आनन-फानन में 300 बेड शुरू भी कर दिया गया तो चिकित्सकों की भारी कमी है। केवल 56 चिकित्सक तैनात हैं। इतने चिकित्सकों से अस्पताल कैसे संचालित होगा, यह एक बड़ा सवाल है।
कैसे होंगे आपरेशन
अस्पताल व आपरेशन थियेटर बन भी जाएं तो ब्लड बैंक अभी नहीं है। इसलिए इमरजेंसी आपरेशन तो इसके बाद भी नहीं हो पाएंगे। आपरेशन में ब्लड की जरूरत पड़ती है। मरीजों को इसके लिए जिला अस्पताल, मेडिकल कालेज या गुरु श्रीगोरक्षनाथ चिकित्सालय के ब्लड बैंक में जाना पड़ेगा। जब तक ब्लड मिलेगा, तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। अस्पताल शुरू होने के बाद भी इमरजेंसी के मरीजों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।
300 बेड अस्पताल व तीन आपरेशन थियेटर लगभग तैयार हैं। शेष पर भी कार्य चल रहा है। शीघ्र ही निर्माण पूरा करने की कोशिश की जा रही है। सितंबर के पहले सप्ताह में 127 चिकित्सक-शिक्षकों के लिए साक्षात्कार आयोजित किया गया था। उनका रिजल्ट शीघ्र ही घोषित होने वाला है। चिकित्सकों की कमी नहीं पड़ेगी। बहुत जल्दी ब्लड बैंक भी खोलने की तैयारी चल रही है। - डा. शशांक शेखर, मीडिया प्रभारी, एम्स।