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सीएम सिटी में गो संरक्षण केंद्र की यह है असलियत, भूख से शरीर बेदम, आंख फोड़ रहे कौवे Gorakhpur News

फर्टिलाइजर के गो संरक्षण केंद्र में चार जानवरों की दशा देखकर तो यही कहा जा सकता है कि अंतिम सांस गिन रहे हैं। यह जानवर संरक्षण केंद्र में बेसहारा पड़े हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 06:05 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 10:00 AM (IST)
सीएम सिटी में गो संरक्षण केंद्र की यह है असलियत, भूख से शरीर बेदम, आंख फोड़ रहे कौवे Gorakhpur News
सीएम सिटी में गो संरक्षण केंद्र की यह है असलियत, भूख से शरीर बेदम, आंख फोड़ रहे कौवे Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। यदि ऐसे ही मौत देनी है तो सड़क किनारे रहने देते, हो सकता है कि किसी को दया आ जाती और इलाज की व्यवस्था तो कर देता। शरीर भले ही हरकत नहीं कर पा रहा पर जान तो बाकी है...बाउंड्री के भीतर कौओं के आगे परोस दिया और मरने का इंतजार कर रहे ताकि सांस थमने के बाद जमीन में गाड़ सकें। कौवे मार डालेंगे तो खुद को पाप भी नहीं लगेगा और काम भी हो जाएगा।

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कौवे खा गए चार जानवरों की आंखें

फर्टिलाइजर के गो संरक्षण केंद्र में अंतिम सांस गिन रहे चार जानवरों की दशा देखकर तो यही कहा जा सकता है। चार जानवर संरक्षण केंद्र में बेसहारा पड़े हैं। महीनों से सूखा भूसा खाने से शरीर कुपोषित हो चुका है। एक बार गिर गए तो उठ ही नहीं पा रहे हैं।

उड़ाने के बाद फिर आ जा रहे कौवे

फर्टिलाइजर गौ संरक्षण केंद्र में वर्तमान में 22 पशु रखे गए हैं। यहां की क्षमता 50 पशुओं की है। चार पशुओं को जब काफी देर तक कौवे नोच चुके होते हैं तो केयर टेकर उन्हें उड़ाने के लिए जाता है। कौवे उड़ जाते हैं तो केयर टेकर वापस आ जाता है। जैसे ही केयर टेकर अंदर आया कौवे फिर पशुओं को नोचने में जुट जाते हैं।

सूखा भूसा कर रहा बेदम

पशु चिकित्सकों का कहना है कि सिर्फ सूखा भूसा काफी समय तक देने से पशु कुपोषित हो जाते हैं। बात कान्हा उपवन की करें या फर्टिलाइजर गो संरक्षण केंद्र की कहीं भी जानवरों को पर्याप्त चोकर नहीं दिया जा रहा है। हरा चारा तो यहां आता ही नहीं है। नगर निगम प्रशासन ने कान्हा उपवन में हरा चारा पहुंचाने की कोशिश की लेकिन एक वाहन न मिल पाने से महेवा मंडी से हरा चार नहीं लिया जा पा रहा है। हालांकि निगम के अफसरों के लिए वाहनों की कोई कमी नहीं है।


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