टेराकोटा के लिए विश्वप्रसिद्ध गांव में कलाकृतियों का हुआ नुकसान, अब भरपाई करेगी कंपनी Gorakhpur News
तकनीकी विशेषज्ञ अशोक कुमार प्रजापति ने बताया कि आधुनिक भट्ठी लगाने के दौरान कुछ कमियां पाई गई हैं। जिसके कारण ट्रायल फेल हुआ था।
गोरखपुर, जेएनएन। टेराकोटा के लिए विश्व प्रसिद्ध गोरखपुर का गांव औरंगाबाद में कलाकृतियों के नुकसान की भरपाई संबंधित कंपनी करेगी। कंपनी के आधुनिक भट्ठियों के कारण तमाम कलाकृतियां नष्ट हो गई थीं। इसलिए लोगों ने उसका उपयाेग बंद कर दिया था।
गुजरात से आए तकनीकी विशेषज्ञ
शिल्पकारों को दी गई आधुनिक भट्ठी की ट्रायल के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की टीम औरंगाबाद व लंगड़ी गुलरिहा गांव पहुंची। यहां पर टीम ने आधुनिक भट्ठियों की गहनता से जांच पड़ताल की। अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी एनपी मौर्य एवं भी आपूर्तिकर्ता कंपनी ओरिएंटल कलेक्शन के प्रोपराइटर योगेंद्र सिंह यादव की मौजूदगी में गुजरात से आए तकनीकी विशेषज्ञों ने आधुनिक भट्ठी को पुन: ट्रायल करने की तैयारी शुरू कर दी है।
जांच में फेल हो गई आधुनिक भट्ठी
तकनीकी विशेषज्ञ अशोक कुमार प्रजापति ने बताया कि आधुनिक भट्ठी लगाने के दौरान कुछ कमियां पाई गई हैं। जिसके कारण ट्रायल फेल हुआ था। विशेषज्ञ ने बताया कि कलाकृति के ठीक से नही सूखने तथा भट्ठी के भीतर नमी ने अंडर ट्रायल को फेल करने में प्रमुख भूमिका निभाई। कंपनी के प्रोपराइटर ने शिल्पकारों के विश्वास को जीतने के लिए ट्रायल के दौरान कलाकृतियों के खराब होने पर पूरा खर्च स्वयं वहन करने का आश्वासन दिया। बताया कि भट्टी का ट्रायल शुरू होने पर तापमान मापक यंत्र थर्मोंकपल यंत्र से प्रत्येक घंटे निगरानी की जाएगी।
प्रमुख सचिव के समक्ष कलाकारों ने बताई थी कमियां
क्षेत्र के ग्राम पंचायत औरंगाबाद व लंगड़ी गुलरिहां में एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के अंतर्गत शिल्पकारों के लिए सरकारी अनुदान पर आधुनिक भट्ठी लगाई गई थी। जो अंडर ट्रायल में ही फेल हो गई थी। शिल्पकारों की कलाकृतियां भी क्षतिग्रस्त हो गई थीं। 23 जनवरी को प्रमुख सचिव व नोडल अधिकारी दीपक कुमार ने गांव का दौरा किया था। उस दौरान शिल्पकारों ने आधुनिक भट्ठियों की कमियों और उससे हुए नुकसान को बताया था। तब मामले की गंभीरता को देखते हुए आपूर्ति करने वाली कंपनी को तलब किया गया था।