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पश्चिम टोला के बच्चों के उत्थान में पुलिस के साथ व्यापारी ने भी बढ़ाया हाथ

दैनिक जागरण ने 29 अक्टूबर के अंक में पुलिस व बैंक कर्मियों के इस सराहनीय कार्य से संबंधित खबर प्रकाशित की थी। इसे संज्ञान में लेने के बाद लखनऊ के होटल व्यवसायी एचएन पाठक ने हाथ बढ़ाया। रविवार को पुलिस के सहयोग से यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए स्वेटर ऊनी टोपी जूता व मोजा दिया। इनके आगे की पढ़ाई का खर्च उठाने का आश्वासन दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 06:44 PM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 06:44 PM (IST)
पश्चिम टोला के बच्चों के उत्थान में पुलिस के साथ व्यापारी ने भी बढ़ाया हाथ
पश्चिम टोला के बच्चों के उत्थान में पुलिस के साथ व्यापारी ने भी बढ़ाया हाथ

सिद्धार्थनगर : बिस्कोहर कस्बा के पश्चिम टोला के बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च व्यापारी उठाएंगे। अभी तक इन बच्चों को पढ़ाने का काम यहां पर बनी पुलिस चौकी के कर्मचारी कर रहे थे। एसबीआइ में तैनात दो बैंक अधिकारी भी इन बच्चों को पढ़ाते थे।

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दैनिक जागरण ने 29 अक्टूबर के अंक में पुलिस व बैंक कर्मियों के इस सराहनीय कार्य से संबंधित खबर प्रकाशित की थी। इसे संज्ञान में लेने के बाद लखनऊ के होटल व्यवसायी एचएन पाठक ने हाथ बढ़ाया। रविवार को पुलिस के सहयोग से यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए स्वेटर, ऊनी टोपी, जूता व मोजा दिया। इनके आगे की पढ़ाई का खर्च उठाने का आश्वासन दिया है।

त्रिलोकपुर थाना का बिस्कोहर कस्बा दो चीजों के लिए मशहूर है। हिदी के आलोचक विश्वनाथ त्रिपाठी का यह पैतृक गांव हैं और यहां का पश्चिम टोला मोहल्ला बैरिनो (देह व्यापार में लिप्त महिलाओं) के लिए जाना जाता है। प्रशासन ने इस कुरीति को समाप्त करने के लिए योजनाएं संचालित की। यहां के बच्चों को शिक्षा देने का बीड़ा उठाया। प्राथमिक विद्यालय व मदरसा में इनका दाखिला कराया गया है। बिस्कोहर चौकी में तैनात पुलिस कर्मियों ने बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया। पुलिस चौकी में इनकी क्लास चलने लगी। होटल व्यवसायी ने बताया कि उनका पैतृक निवास बिस्कोहर से करीब दो किमी की दूरी पर लोहियानगर में है। बचपन से यहां रहने वालों की पीड़ा देख व महसूस कर रहा हूं। अभी यह छोटे हैं, इनके उच्च शिक्षा प्राप्त करने तक पढ़ाई का खर्च का निवर्हन करुंगा। चौकी प्रभारी बिस्कोहर राजेश शुक्ला ने कहा कि इन बच्चों में शिक्षा ग्रहण करने की जिज्ञासा है। इनके जीवन में नियमित पढ़ाई करने की आदत पड़ गई है। रोजाना दो से तीन घंटे तक यह स्वपाठन कर रहे हैं।


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