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गोरखपुर के कान्‍हा उपवन के पानी में डूब कर मर गया सांड़, 12 सौ गो वंशीय पशुओं पर खतरा Gorakhpur News

गोरखपुर के कान्हा उपवन में बरसात का इतना पानी लग गया है कि उसमें डूब कर एक सांड़ की मौत हो गई। यहां 12 सौ पशु रखे गए हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 01:39 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 01:39 PM (IST)
गोरखपुर के कान्‍हा उपवन के पानी में डूब कर मर गया सांड़, 12 सौ गो वंशीय पशुओं पर खतरा Gorakhpur News
गोरखपुर के कान्‍हा उपवन के पानी में डूब कर मर गया सांड़, 12 सौ गो वंशीय पशुओं पर खतरा Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गुरुवार को बारिश के बाद कान्‍हा उपवन अव्‍यवस्‍था की भेंट चढ़ता जा रहा है। भूसा, चोकर भीगने के कारण पशुओं के चारे पर संकट खड़ा हो गया है तो परिसर में हुए जलभराव में फंसकर अब पशु मरने लगे हैं। रविवार सुबह पानी से भरे गड्ढे में फंसकर एक सांड़ की मौत हो गई है। इससे पहले भी कुछ पशुओं की मौत हो चुकी है। परिसर में मिट्टी भरने का काम अब तक न पूरा हो पाने के कारण हालात दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं।

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महेवा वार्ड के कान्‍हा उपवन में इन दिनों 12 सौ से ज्‍यादा पशु रखे गए हैं। गुरुवार को हुई बारिश के बाद परिसर में इतना जलभराव हो गया कि पशुओं के बैठने की जगह तक नहीं बची। भूसा और चोकर भी पानी में डूब गए। चार दिनों से नगर निगम प्रशासन जलभराव दूर करने की कोशिश में जुटा हुआ है लेकिन परिसर में मिट्टी भरने का काम पूरा न होने से दिक्‍कत हो रही है। कार्यदाई संस्‍था कंस्‍ट्रक्‍शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएंडडीएस) को मिट्टी भरवाना है। इसके लिए सीएंडडीएस को रुपये भी मिल चुके हैं पर अब तक कुछ नहीं हो सका।

बोरिंग भी हो गई फेल

कान्‍हा उपवन में पानी की उपलब्‍धता के लिए सीएंडडीएस ने बोरिंग कराई थी। कुछ दिनों बाद ही बोरिंग से पानी आना बंद हो गया। अफसरों का कहना है कि बोरिंग फेल हो गई है। अब दूसरी जगह बोरिंग कराने के बाद ही पानी की व्‍यवस्‍था हो सकती है। नगर निगम प्रशासन इधर-उधर से पाइप जोड़कर कान्‍हा उपवन में पानी पहुंचा रहा है।

कई पशुओं की हो चुकी है मौत

कान्‍हा उपवन की क्षमता तकरीबन पांच सौ पशुओं के रखने की है लेकिन यहां 12 सौ से ज्‍यादा पशु रखे गए हैं। पहले पशुओं की संख्‍या ज्‍यादा होने पर उन्‍हें महराजगंज के मधवलिया रेंज में भेज दिया जाता था लेकिन पिछले साल वहां पशुओं की मौत और डीएम समेत कई अफसरों के निलंबित होने के बाद पशुओं को मधवलिया नहीं भेजा जा रहा है।

कान्‍हा उपवन की व्‍यवस्‍था सुधारने और मिट्टी भराई के लिए सीएंडडीएस के अफसरों से बात की गई है। सीएंडडीएस को शासन ने पहले ही रुपये दे दिए हैं।

बृजेश सिंह छोटू, कान्‍हा उपवन की व्‍यवस्‍था सुधारने के लिए गठित कमेटी के चेयरमैन


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