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जून में ही स्कूलों तक पहुंचाई जानी थीं किताबें, अभी तक बच्‍चे देख रहे राह

शुरू में कुछ स्कूल खुद पहुंचकर किताबें ले गए। जबकि कई स्कूल ऐसे हैं जो अभी तक किताब लेने गोरखपुर बीआरसी नहीं पहुंचे। नगर शिक्षा अधिकारी का कहना है कि एडेड स्कूलों की लापरवाही से बीआरसी में अभी भी किताबें पड़ीं हुई हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 05:15 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 08:35 PM (IST)
जून में ही स्कूलों तक पहुंचाई जानी थीं किताबें, अभी तक बच्‍चे देख रहे राह
वितरित होने के अभाव में बीआरसी में धूल फांकती किताबें।

गोरखपुर, जेएनएन। बच्‍चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए सरकार ने परिषदीय स्कूलों में निश्शुल्क वितरण के लिए किताबें तो भेज दी, लेकिन अभी भी शहर के कई स्कूलों के ब'चे किताबों की राह देख रहे हैं। स्कूलों व विभाग की लापरवाही के कारण बीआरसी (ब्लॉक संसाधन केंद्र)के बंद कमरे में अभी हजारों किताबें धूल फांक रहीं हैं। यह हाल तब है जबकि जून माह में ही बच्‍चों तक हर हाल में इन्हें वितरित किया जाना था।

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एडेड स्‍कूलों की लापरवाही से डंप हैं किताबें

शुरू में कुछ स्कूल खुद पहुंचकर किताबें ले गए। जबकि कई स्कूल ऐसे हैं जो अभी तक किताब लेने गोरखपुर बीआरसी नहीं पहुंचे। नगर शिक्षा अधिकारी का कहना है कि एडेड स्कूलों की लापरवाही से बीआरसी में अभी भी किताबें पड़ीं हुई हैं। संबंधित स्कूलों को कई बार निर्देश दिया जा चुका है, लेकिन उनके ऊपर कोई असर नहीं हो रहा है।

12 जून को पुस्‍तक वितरण का मिल चुका है निर्देश

गत 12 जून को ही महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय ने प्रदेश के सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर किताबें वितरित करने का निर्देश दिया था। इसके तहत किताबें मुख्यालय पहुंचने के तीन दिन के अंदर सत्यापन कर अगले तीन दिन में ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर तथा वहां से अगले दो दिन में स्कूलों तक भेजनी थीं। समय से स्कूलों तक किताबें पहुंचाने के लिए शासन ने परिवहन खर्च भी दिया था। शहर में प्राथमिक स्कूलों की संख्‍या 59 है। इसमें एडेड स्कूलों की संख्‍या 14 और इंटर कॉलेजों की संख्‍या 33 हैं।

स्‍कूलों को मिलेगी नोटिस

नगर शिक्षा अधिकारी अरुण सिंह का कहना है कि अभी तक जो किताबें बीआरसी पर पड़ी हुई हैं वह सभी एडेड स्कूलों की हैं। कई बार कहने के बाद भी विद्यालयों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। जबकि सभी प्राइमरी स्कूलों में किताबें पहुंच चुकी हैं। किताबें न ले जाने वाले विद्यालयों को चिह्नित कर नोटिस दी जाएगी।


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