शिक्षा के क्षेत्र में नए युग का शुभारंभ, लुंबिनी विवि में पढ़ेंगे भारतीय छात्र
सिद्धार्थनगर आइसीसीआर व लुंबिनी विश्वविद्यालय के बीच हुए एमओयू (समझौता पत्र) से सीमावर्ती क्षेत्र के
सिद्धार्थनगर : आइसीसीआर व लुंबिनी विश्वविद्यालय के बीच हुए एमओयू (समझौता पत्र) से सीमावर्ती क्षेत्र के छात्रों को लाभ मिलेगा। शिक्षा के क्षेत्र में नए युग का शुभारंभ हुआ। वर्तमान में इस विवि से काफी संख्या में भारतीय प्रोफेसर व छात्र जुड़े हैं। यहां पर चार संकाय पर्यटन उद्योग, बौद्ध अध्ययन, मानवीकी व सामाजिक शास्त्र अध्ययन और स्कूल आफ डेवलपमेंट स्टडीज एंड एप्लाइड सांइसेज (विद्यालय विकास नीति व इससे जुड़े विषय) की पढ़ाई हो रही है। दोनों देश के बीच समझौता होने के बाद अब यहां सांस्कृतिक, रोजगार, भौगोलिक स्थिति आदि की भी पढ़ाई शुरू होगी। नए शैक्षिक सत्र से इन विषयों की कक्षाएं संचालित की जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने लुंबिनी में विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। नवनिर्मित ध्यान एवं योग सभागार में करीब दो घंटे तक मौजूद रहे। इस दौरान आइसीसीआर (भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद) व लुंबिनी विवि के बीच हुए समझौता पत्र का आदान-प्रदान किया। इस संस्थान में वर्तमान में 1496 छात्र व छात्राएं पंजीकृत है। इसमें सिद्धार्थनगर, महराजगंज समेत राज्य के विभिन्न क्षेत्र के 156 छात्र शामिल हैं। दो भारतीय छात्र शोध में पंजीकरण कराया है। जिसमें कोलकाता निवासी अंकुर बरुआ ने हाल ही शोध पूरा किया है व नलिनी राव ने शोध पत्र दाखिल किया है। अब गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बलरामपुर, श्रावस्ती आदि जनपद के छात्र यहां शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं।
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लुविवि से जुड़े है भारतीय संस्थान के प्रोफेसर
कई भारतीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लुंबिनी विवि से जुड़े हैं। यहां पंजीकृत शोध छात्र उनके निर्देशन में कार्य कर रहे हैं। इस विवि से छह भारतीय विश्वविद्यालय से संबंद्ध होकर शोध करा रहे हैं। छात्रों को शोध कराने वालों में नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाल, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. हरि प्रसाद अधिकारी, गौतम बुद्ध विवि के प्रो. अरविद कुमार, काशी हिदू विवि के प्रो. विमलेंद्र कुमार, दिल्ली विवि के प्रो. राजेंद्र राम व प्रो. एचपी नेगी हैं।