Move to Jagran APP

आठ करोड़ से बदलेगी गोरखपुर व देवर‍िया के पांच प्राचीन मंदिरों की सूरत, पर्यटन विभाग ने तैयार क‍िया प्रस्‍ताव

पर्यटन विभाग गोरखपुर और देवर‍िया के पांच प्राचीन मंदिरों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने आठ करोड़ की लागत का प्रस्ताव तैयार करा रहा है। पर्यटन निदेशालय ने इसे लेकर क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय को निर्देशित किया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 09:02 AM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 09:02 AM (IST)
आठ करोड़ से बदलेगी गोरखपुर व देवर‍िया के पांच प्राचीन मंदिरों की सूरत, पर्यटन विभाग ने तैयार क‍िया प्रस्‍ताव
गोरखपुर, देवरिया के पांच मंद‍िरों को आठ करोड़ रुपये खर्च कर पर्यटन केंद्र के रूप में व‍िकस‍ित क‍िया जाएगा।

गोरखपुर, जागरण संवादददाता। आध्यात्मिक स्थलों के जरिए पर्यटकों को लुभाने की योजना के तहत पर्यटन विभाग ने पांच और प्राचीन मंदिरों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। इसके लिए विभाग करीब आठ करोड़ की लागत का प्रस्ताव तैयार करा रहा है। पर्यटन निदेशालय ने इसे लेकर क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय को निर्देशित किया है। कार्यालय ने आगणन और प्रस्ताव तैयार करने के लिए कार्यदायी संस्था को जिम्मेदारी सौंप दी है। प्रस्ताव जिलाधिकारी के माध्यम से भेजने के लिए कहा गया है।

prime article banner

चिन्हित मंदिरों में शामिल हैं गोरखपुर के चार और देवरिया का एक मंदिर

जिन पांच मंदिरों को इसके लिए चिन्हित किया गया है, उनमें चार मंदिर गोरखपुर के और एक मंदिर देवरिया का शामिल है। गोरखपुर से चिन्हित मंदिरो में कैंपियरगंज और खजनी क्षेत्र के दो-दो मंदिर शामिल रहे गए हैं। कैंपियरंगज क्षेत्र से गौरीशंकर व भगवान ठाकुरजी का मंदिर और खजनी क्षेत्र से जैश्वरनाथ व शिव मंदिर का चयन किया गया है। देवरिया से सलेमपुर के परशुराम मंदिर को चिन्हित किया गया है। इसमें सर्वाधिक करीब छह रुपये की राशि परशुराम मंदिर पर खर्च करने की योजना बनी है।

दिसंबर से पहले शुरू होगा मंदिरों के सुंदरीकरण का कार्य

क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी ने यूपी प्रोजेक्ट कार्पोरेशन लिमिटेड को कार्यदायी संस्था बनाई है और उसे प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है। दिसंबर से पहले मंदिरों को सुंदरीकरण का कार्य शुरू करने की विभाग की योजना है। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रवींद्र कुमार मिश्र ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन स्थलों के माध्यम से पर्यटकों की लुभाने की असीम संभावनाएं हैं। इसे देखते हुए ही मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप पर्यटन विभाग सभी प्राचीन मंदिरों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित कर रहा है। इसके तहत एक दर्जन से अधिक मंदिरों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा चुका है। यह सिलसिला जारी है।

मंदिर और सुंदरीकरण पर खर्च होने वाली धनराशि

परशुराम मंदिर, सोहनाग धाम, देवरिया : 5 करोड़ 85 लाख रुपये।

गौरीशंकर मंदिर, ग्राम बलुआ, कैंपियरगंज : 1 करोड़ 10 लाख रुपये।

जैश्वरनाथ मंदिर, खजनी-हरनही रोड: 48 लाख रुपये।

शिव मंदिर, भरोहिया, खजनी : 26 लाख रुपये।

शिव मंदिर, कैंपियरगंज : 20 लाख रुपये।

भगवान ठाकुरजी मंदिर, सोनौरा खुर्द, कैंपियरगंज : 17 लाख रुपये।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.